प्राण मुद्रा एक सरल योग मुद्रा है जो शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है। इसका नियमित अभ्यास करने से कई शारीरिक लाभ मिलते हैं। चलिए जानते हैं प्राण मुद्रा से शरीर की कौन-कौन सी समस्याएं दूर होती हैं।
डायबिटीज
नियमित रूप से प्राण मुद्रा का अभ्यास करने से शरीर में इंसुलिन का स्राव संतुलित होता है। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी होता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
दिल और गले की समस्याओं में फायदेमंद
प्राण मुद्रा हृदय और गले से जुड़ी बीमारियों में भी लाभ पहुंचाती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हृदय की कार्यक्षमता को मजबूत बनाए रखने में मदद मिलती है।
भूख और प्यास पर नियंत्रण
इस मुद्रा का अभ्यास करने से अत्यधिक भूख या प्यास की समस्या से राहत मिलती है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को स्थिर करता है और अनावश्यक क्रेविंग को कम करने में मदद करता है।
इम्यूनिटी को करता है मजबूत
प्राण मुद्रा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और संक्रमण से लड़ने की ताकत मिलती है, जिससे बीमारियों से बचाव होता है।
थकान और कमजोरी में राहत
तनाव, थकान, और मानसिक कमजोरी की स्थिति में यह मुद्रा विशेष लाभ देती है। यह नसों को शांत करती है और शरीर में स्फूर्ति बनाए रखती है, जिससे दिनभर ऊर्जा बनी रहती है।
नेत्र रोगों में अत्यधिक लाभकारी
यदि आपकी आंखों की रोशनी कम हो रही है या जलन, थकान जैसी समस्याएं हैं, तो प्राण मुद्रा बेहद लाभकारी है। इसका अभ्यास नेत्र दोषों को कम करने और दृष्टि सुधारने में मदद करता है।
प्राण मुद्रा कैसे करें?
कनिष्ठा, अनामिका और अंगूठे को मिलाएं, बाकी उंगलियां सीधी रखें। लंबी-गहरी सांस लेते हुए 45 मिनट तक इस मुद्रा का अभ्यास करें। इसे रोजाना करने से शारीरिक और मानसिक लाभ मिलने लगते हैं।
प्राण मुद्रा योग की एक प्रभावशाली मुद्रा है। इसका नियमित अभ्यास करना चाहिए। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com