ध्यान लगाने के बारे में हम अक्सर सोचते हैं कि शांत जगह पर बैठकर ध्यान लगाना ही सही तरीका है। लेकिन शेकिंग मेडिटेशन इस सोच को बदल देता है। इसमें शरीर को हिलने देना ही ध्यान का हिस्सा है। आप इसके बारे में पहली बार सुन रहे होंगे, तो आइए जानते हैं कैसे लगाएं यह ध्यान।
यह ध्यान कैसे अलग है?
जहां अन्य ध्यान विधियां स्थिरता पर जोर देती हैं, वहीं शेकिंग मेडिटेशन में शरीर को हिलाने की अनुमति दी जाती है। यह प्रक्रिया हमारे दिमाग और शरीर को तनाव से मुक्त करती है।
जानवरों से प्रेरित प्रक्रिया
क्या आपने देखा है कि जब कोई कुत्ता सोकर उठता है तो वह शरीर को झटकता है? ऐसा करके वह अपनी थकान और तनाव को दूर करता है। शेकिंग मेडिटेशन इसी विचार पर आधारित है।
शेकिंग से शरीर को क्या लाभ मिलता है?
शरीर को हिलाने से हमारा नर्वस सिस्टम शांत हो जाता है। यह प्रक्रिया दिमाग को आराम का संकेत भेजती है और लसिका प्रणाली को एक्टिव कर शरीर के टॉक्सिन्स को बाहर निकालती है।
इसे कैसे करें?
सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैरों को थोड़ा खोल लें। घुटनों और कंधों को ढीला छोड़ दें। धीरे-धीरे हिलना शुरू करें और शरीर को स्वाभाविक रूप से हिलने दें।
संगीत के साथ भी कर सकते हैं
अगर आप चाहते हैं तो हल्का संगीत लगाकर इसे और आनंददायक बना सकते हैं। यह प्रक्रिया आपको गहरी राहत देने में मदद करेगी।
किन लोगों के लिए है फायदेमंद?
शेकिंग मेडिटेशन उन लोगों के लिए लाभकारी है जिन्हें स्थिर रहकर ध्यान लगाना मुश्किल लगता है। यह मानसिक आघात, दर्द या फोबिया जैसी समस्याओं में भी राहत देता है।
कितनी देर करें?
आप इसे दिन में 5 से 20 मिनट तक कर सकते हैं। इसे करने के लिए किसी विशेष उपकरण या जगह की जरूरत नहीं है, आप इसे कहीं भी कर सकते हैं।
अगर आप तनाव, थकान या नेगेटिव विचारों से छुटकारा चाहते हैं तो शेकिंग मेडिटेशन को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com