पीरियड्स में वैक्सिंग और शेविंग से बचें। इससे वजाइनल एरिया में संक्रमण और रैशेज का खतरा बढ़ जाता है। बाल त्वचा को गंदगी से बचाते हैं, इसलिए अनचाहे बाल हटाने का काम इस दौरान टालें।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
ज्यादा कॉफी न पिएं
पीरियड्स के दौरान ज्यादा कॉफी पीने से दर्द और क्रैम्प्स बढ़ सकते हैं। कैफीन ब्लड वेसल्स को सिकोड़ देता है, जिससे परेशानी और थकावट महसूस हो सकती है। इसकी जगह हर्बल टी या नींबू पानी पिएं।
मसालेदार भोजन न खाएं
पीरियड्स में ज्यादा नमक और मसालेदार भोजन का सेवन करने से ब्लोटिंग और वॉटर रिटेंशन हो सकता है। इसकी बजाय फाइबर से भरपूर चीजें, जैसे फल, सब्जियां और दही को अपने आहार में शामिल करें।
ज्यादा सफाई से बचें
वजाइनल एरिया को बार-बार धोने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। सफाई के बाद वजाइना को ड्राई रखना जरूरी है। हल्के टिशू का इस्तेमाल करें और बहुत ज्यादा सफाई से बचें।
डाइटिंग से बचें
इस समय शरीर को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है, इसलिए डाइटिंग से बचें। छोटे-छोटे मील्स का सेवन करें, जिससे एनर्जी बनी रहे और हार्मोनल असंतुलन से बचा जा सके।
भारी वर्कआउट से बचें
पीरियड्स में भारी वर्कआउट न करें। इससे क्रैम्प्स और थकान बढ़ सकती है। इसके बजाय हल्की स्ट्रेचिंग, योग और मेडिटेशन से शरीर को आराम दें।
खूब पानी पिएं
ज्यादा पानी पिएं ताकि हाइड्रेशन बनी रहे। तरल पदार्थ, जैसे नारियल पानी और छाछ, पीरियड्स के दौरान डिहाइड्रेशन और ब्लोटिंग की समस्या को कम करते हैं।
पर्याप्त नींद लें
तनाव और नींद की कमी से पीरियड्स के लक्षण और ज्यादा खराब हो सकते हैं। रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें और खुद को तनावमुक्त रखने की कोशिश करें।
तंग कपड़ों से बचें
तंग और असुविधाजनक कपड़े पहनने से बचें। ये वजाइनल एरिया में पसीना और जलन का कारण बन सकते हैं। ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें।
पीरियड्स में नियमित रूप से साफ-सफाई और सही सैनिटरी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें और हर 4-6 घंटे में पैड बदलें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com