पीसीओडी और पीसीओएस हार्मोन असंतुलन से जुड़ी समस्याएं हैं, जिनमें ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं। इससे वजन बढ़ना, पीरियड्स अनियमित होना और कंसीव करने में परेशानी हो सकती है।
एक्सपर्ट की राय
इस बारे में जानकारी देते हुए पीसीओएस रिवर्सेबल कोच और डायटिशियन विधि चावला ने इंस्टाग्राम पर वीडियो शेयर किया है।
डिटॉक्स टी और सप्लीमेंट्स से बचें
पीसीओडी और पीसीओएस में डिटॉक्स टी और सप्लीमेंट्स लेने से बचना चाहिए। यह शरीर के हार्मोन बैलेंस पर कोई सकारात्मक असर नहीं डालते हैं और कई बार उल्टा नुकसान भी कर सकते हैं।
फैड डाइट्स से बचें
फैड डाइट्स से बचें। ये शरीर को जरूरी पोषण नहीं दे पाती, जिससे कमजोरी, थकान और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। खासकर, हार्मोनल इंबैलेंस के मामलों में।
हल्की एक्सरसाइज करें
हाई-इंटेंसिटी वर्कआउट करने की बजाय हल्की एक्सरसाइज, योग और वॉक करें। बहुत ज्यादा वर्कआउट से शरीर में तनाव बढ़ सकता है, जिससे हार्मोन असंतुलन और ज्यादा बिगड़ सकता है।
पर्याप्त पानी पिएं
पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी है। शरीर में पानी की कमी से भी हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। इसलिए, खुद को दिनभर हाइड्रेट रखना चाहिए ताकि शरीर स्वस्थ और एनर्जेटिक बना रहे।
जंक और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें
जंक और प्रोसेस्ड फूड को पूरी तरह से अवॉइड करें। इनमें मौजूद केमिकल्स और प्रिजर्वेटिव्स हार्मोनल हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे पीसीओडी और पीसीओएस की समस्या बढ़ सकती है।
रिफाइंड प्रोडक्ट्स से बचें
रिफाइंड प्रोडक्ट्स की बजाय घर का बना ताजा और पौष्टिक भोजन खाएं, जिसमें भरपूर मात्रा में हरी सब्जियां, मौसमी फल और संपूर्ण अनाज शामिल हों, ताकि शरीर को सही पोषण मिल सके।
डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज करें
स्ट्रेस हार्मोन असंतुलन को बढ़ा सकता है। इसलिए, मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए मेडिटेशन, डीप ब्रिदिंग एक्सरसाइज और पर्याप्त आराम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए।
रोजाना 7 से 8 घंटे की अच्छी नींद लें। इससे पीसीओडी और पीसीओएस की समस्याएं कम हो सकती हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com