प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसकी वजह से कोलेस्ट्रॉल का स्तर सामान्य से ज्यादा बढ़ सकता है। इससे महिला और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
एक्सपर्ट की राय
स्टार हॉस्पिटल की स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय लक्ष्मी के मुताबिक शरीर में हाई एस्ट्रोजन और हाई टेस्टोस्टरॉन के लेवल के कारण एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में वृद्धि होती है।
शरीर की चर्बी बढ़ना
इस दौरान खानपान में बदलाव, कम एक्टिविटी और शरीर की चर्बी बढ़ने से कोलेस्ट्रॉल लेवल तेजी से बढ़ता है, जो कई बार बिना लक्षण के भी महिलाओं को प्रभावित कर सकता है।
गंभीर समस्याएं
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल गर्भावस्था में सामान्य माना जाता है। लेकिन, जब यह जरूरत से ज्यादा हो जाए तो प्रीक्लेम्पसिया, हाई बीपी, हार्ट अटैक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल के संकेत
कुछ महिलाओं को सीने में दर्द, सांस लेने में दिक्कत, ज्यादा थकान या मतली जैसे लक्षण दिख सकते हैं, जो हाई कोलेस्ट्रॉल की चेतावनी हो सकते हैं।
डाइट पर ध्यान देना
कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की स्थिति में महिला को अपनी डाइट पर खास ध्यान देना चाहिए और फैट्स व ऑयली फूड से दूर रहना चाहिए।
हेल्दी लाइफस्टाइल
रोजाना हल्की एक्सरसाइज, वॉक और पर्याप्त नींद कोलेस्ट्रॉल को सामान्य रखने में मदद करती है और गर्भावस्था को सुरक्षित बनाती है।
हेल्दी डाइट
हरी सब्जियां, ओमेगा-3 फैटी एसिड वाले फूड, फल और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल लेवल बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है।
अगर कोलेस्ट्रॉल लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना सबसे सही और सुरक्षित उपाय होता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com