प्रेग्नेंसी के समय मां और बच्चे की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए कुछ जरूरी टीके लगाए जाते हैं। ये टीके संक्रमण से बचाव करते हैं और बच्चे में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करते हैं। डॉक्टर की सलाह से समय पर टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी होता है।
गाइनोकॉलोजिस्ट से जानें
आइए लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉक्टर दीपा शर्मा से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को कौन से टीके लगवाने चाहिए।
टिटनेस का टीका
टिटनेस से सुरक्षा के लिए गर्भवती महिला को टिटनेस का टीका लेना जरूरी होता है। यह इंफेक्शन से बचाता है। टीटी-1 और टीटी-2 दो डोज होते हैं, तीसरी बार गर्भवती होने पर बूस्टर डोज दिया जाता है।
इंफ्लुएंजा वैक्सीन
प्रेग्नेंसी के दौरान फ्लू से इम्यूनिटी, दिल और फेफड़ों पर असर पड़ता है। इंफ्लुएंजा वैक्सीन संक्रमण से बचाती है और जन्म के बाद 6 माह तक शिशु को भी सुरक्षा देती है।
टीडैप वैक्सीन (Tdap Vaccine)
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में टीडैप वैक्सीन दी जाती है। यह टिटनेस, डिप्थीरिया और काली खांसी जैसी गंभीर बीमारियों से मां और बच्चे दोनों को सुरक्षा देती है।
हेपेटाइटिस-बी वैक्सीन
अगर गर्भवती महिला को हेपेटाइटिस बी संक्रमण हो जाए तो यह शिशु में भी पहुंच सकता है। इससे बचने के लिए डॉक्टर की सलाह से हेपेटाइटिस बी का टीका अवश्य लें।
कोविड-19 वैक्सीन भी जरूरी
कोविड महामारी के बाद गर्भवती महिलाओं को कोविड वैक्सीन लगवाना जरूरी है। यह गंभीर संक्रमण से बचाव करती है और शिशु को भी सुरक्षा प्रदान करती है।
टीकाकरण की सावधानियां
प्रेग्नेंसी में टीका लगवाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। वैक्सीन के बाद हल्का दर्द, बुखार, थकान होना सामान्य है। वैक्सीन कार्ड बनवाएं जिससे सभी जरूरी टीके सही समय पर लग सकें।
टीकाकरण मां और बच्चे दोनों को बीमारियों से सुरक्षा देता है और शरीर में एंटीबॉडी बनाता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com