हर महिला की साइकिल अलग होती है, लेकिन लगातार 1-2 दिन में पीरियड्स खत्म होना सामान्य नहीं है। यह हार्मोनल या स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। आइए डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट जसमीत कौर से जानते हैं इसकी वजह।
हार्मोनल असंतुलन का प्रभाव
थायराइड या एस्ट्रोजन हार्मोन में असंतुलन से पीरियड्स प्रभावित होते हैं। हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म पीरियड्स को छोटा और अनियमित बना सकते हैं। जांच कराना जरूरी है।
डाइट का पीरियड्स पर असर
ज्यादा डाइटिंग, फास्टिंग या कम कैलोरी का सेवन पीरियड्स को छोटा कर सकता है। हेल्दी डाइट लेना संतुलित हार्मोन और नियमित पीरियड्स के लिए जरूरी होता है।
ज्यादा एक्सरसाइज से खतरा
ज्यादा वर्कआउट या एक्सरसाइज से शरीर का एस्ट्रोजन लेवल गिर सकता है। इससे पीरियड्स हल्के या कम दिन के हो सकते हैं। बैलेंस जरूरी है।
जब अंडा रिलीज नहीं होता
अगर ओव्यूलेशन नहीं होता है, तो इसे एनोव्यूलेशन कहा जाता है। इस स्थिति में पीरियड्स केवल 1-2 दिन के हो सकते हैं या मिस भी हो सकते हैं।
पेरिमेनोपॉज के लक्षण
मेनोपॉज से पहले हार्मोन में उतार-चढ़ाव शुरू हो जाता है। इस कारण पीरियड्स हल्के, अनियमित और कम दिनों के हो सकते हैं। यह पेरिमेनोपॉज का संकेत है।
यूटरस और स्किन डिजीज
कुछ महिलाएं जिनको स्किन डिजीज या यूटरस संबंधित समस्याएं होती हैं, उन्हें भी कम दिन के पीरियड्स हो सकते हैं। सही इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
कौन-कौन से टेस्ट करवाएं?
लगातार 1-2 दिन के पीरियड्स होने पर थायराइड प्रोफाइल, एस्ट्रोजन लेवल, और ओव्यूलेशन चेक करने वाले टेस्ट जरूर करवाएं। सही रिपोर्ट से कारण पता चलता है।
अगर लगातार बदलाव हो रहे हैं या अन्य लक्षण दिखें, तो तुरंत गायनाकोलॉजिस्ट से मिलें। समय पर जांच और इलाज से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com