पीरियड्स के दौरान हल्का दर्द होना सामान्य माना जाता है, लेकिन जब यह असहनीय हो जाए, तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। आइए डॉक्टर मानवी मैनी से जानते हैं पीरियड्स का दर्द कब नॉर्मल होता है?
सामान्य पीरियड पेन क्या है?
जब पीरियड्स शुरू होते हैं, तो पहले दो दिनों तक हल्का दर्द और ऐंठन महसूस हो सकती है। यह दर्द आमतौर पर सहने योग्य होता है और किसी भी सामान्य गतिविधि को बाधित नहीं करता।
कब पीरियड पेन असामान्य होता है?
अगर दर्द पीरियड्स शुरू होने से पहले या खत्म होने के बाद भी लगातार बना रहता है, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। जब यह इतना तेज हो कि रोजमर्रा की गतिविधियां करना मुश्किल हो जाए, तो डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी हो जाता है।
ज्यादा ब्लीडिंग का ध्यान रखें
अगर पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लड फ्लो हो रहा है और यह सामान्य से ज्यादा दिनों तक बना रहता है, तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। अगर खून के बड़े थक्के आ रहे हैं, तो भी डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
हार्मोनल असंतुलन के लक्षण
जब पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, ज्यादा दर्द होने लगता है और मूड स्विंग्स या थकान महसूस होती है, तो यह हार्मोनल असंतुलन के संकेत हो सकते हैं।
दिनचर्या पर असर पड़ना
अगर पीरियड्स का दर्द इतना ज्यादा हो कि चलना-फिरना, ऑफिस जाना या घर के काम करना मुश्किल हो जाए, तो इसे सामान्य नहीं माना जा सकता। दर्द अगर दवाओं से भी ठीक न हो, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है।
प्राकृतिक तरीकों से दर्द कम करना
हल्का व्यायाम करने, हाइड्रेटेड रहने, गर्म पानी की सिकाई करने और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करने से पीरियड पेन में राहत मिल सकती है। शरीर को आराम देना भी इस दौरान बहुत फायदेमंद होता है।
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
जब दर्द इतना बढ़ जाए कि दवा लेने के बाद भी राहत न मिले, ज्यादा ब्लीडिंग हो या कमजोरी और चक्कर आने लगे, तो तुरंत किसी गायनेकोलॉजिस्ट से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।
हल्का पीरियड पेन सामान्य है, लेकिन अगर यह आपकी दिनचर्या पर असर डालने लगे, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर डॉक्टर से मिलना, गंभीर समस्याओं से बचने के लिए जरूरी हो सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com