भारत में गर्भवती महिलाओं को कई तरह की सलाह मिलती है, खासकर घी और मक्खन खाने के बारे में। क्या ये सच में फायदेमंद हैं? आइए गर्भावस्था स्वास्थ्य शिक्षक लक्ष्मी कार्तिकेयन से जानते हैं इसके बारे में।
आखिरी महीनों में घी खाने की परंपरा
बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि नौवें महीने में घी और मक्खन का सेवन करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे डिलीवरी नॉर्मल होती है। क्या ये सही है?
घी और मक्खन
घी में हेल्दी फैट्स होते हैं जो शिशु के विकास में मदद करते हैं। यह शरीर की इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है। वहीं, मक्खन फोलिक एसिड से भरपूर होता है और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करता है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि गर्भावस्था के आखिरी दिनों में घी का सेवन शिशु के दिमाग के विकास में सहायक हो सकता है, लेकिन इसे संतुलित मात्रा में ही खाएं।
ज्यादा खाना ठीक नहीं
ज्यादा घी और मक्खन का सेवन गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। शरीर में ज्यादा कैलोरी जमा हो सकती है, जिससे डिलीवरी के बाद वजन कम करना मुश्किल हो सकता है।
पाचन समस्याएं
ज्यादा घी या मक्खन खाने से कब्ज, दस्त या उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे गर्भवती महिला को कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
सही मात्रा में सेवन करें
डॉक्टरों के अनुसार, एक गर्भवती महिला को दिन में 5-6 चम्मच घी का सेवन करना चाहिए। यह शरीर के लिए पर्याप्त होता है और कोई नुकसान नहीं होता।
सेवन कैसे करें?
घी को आप खाने में, दूध में या हलवा, लड्डू जैसे पकवानों में डालकर खा सकती हैं। इससे पोषण भी मिलेगा और स्वाद भी।
अगर नौवें महीने में घी और मक्खन खाने से किसी प्रकार की एलर्जी या समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com