मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो धीरे-धीरे होती है, और अचानक नहीं आती। इसमें शरीर में कई बदलाव होते हैं, जैसे पीरियड्स का पूरी तरह से बंद हो जाना और हार्मोनल बदलाव।
एक्सपर्ट की राय
इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
पेरिमेनोपॉज की स्थिति
जब महिला पेरिमेनोपॉज की अवस्था में होती है, तो उसे कभी हैवी ब्लीडिंग, कभी लाइट ब्लीडिंग और कभी महीनों तक पीरियड्स नहीं होते। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे बदलती है।
शारीरिक और मानसिक समस्याएं
मेनोपॉज के बाद महिलाएं कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करती हैं, जैसे हॉट फ्लैशेज, नाइट स्वेट, मूड स्विंग और नींद की समस्या। यह सब धीरे-धीरे शुरू होते हैं।
मेनोपॉज के लक्षण
मेनोपॉज की शुरुआत से पहले महिलाएं पेरिमेनोपॉज से गुजरती हैं, जिसमें पीरियड साइकिल में बदलाव, हैवी या लाइट ब्लीडिंग जैसी समस्याएं आती हैं। यह एक लंबी प्रक्रिया होती है।
चिड़चिड़ापन महसूस होना
मेनोपॉज में महिलाओं को शारीरिक संबंध बनाने की चाह कम हो जाती है और वे मानसिक तौर पर भी चिड़चिड़ी हो सकती हैं। ये सभी लक्षण समय के साथ विकसित होते हैं।
1 साल तक पीरियड्स न आना
एक्सपर्ट के अनुसार, जब महिला को 12 महीने तक लगातार पीरियड्स नहीं होते, तो उसे मेनोपॉज माना जाता है। इसके बाद वह पोस्टमेनोपॉज अवस्था में पहुंच जाती है।
नींद न आना
पेरिमेनोपॉज में हॉट फ्लैशेज और रात को नींद न आना जैसे लक्षण सामान्य होते हैं। ये लक्षण मेनोपॉज के दौरान और भी ज्यादा स्पष्ट हो सकते हैं।
ध्यान दें
मेनोपॉज का अनुभव हर महिला के लिए अलग होता है। लेकिन, यह एक लंबी प्रक्रिया है जो धीरे-धीरे बदलाव लेकर आती है। किसी एक दिन अचानक पीरियड्स बंद नहीं होते।
मेनोपॉज के लक्षण जैसे मूड स्विंग्स और वजन बढ़ना समय के साथ आते हैं। महिलाएं इन लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com