Pigmentation का मुख्य कारण क्या है?

By Aditya Bharat
08 Apr 2025, 21:00 IST

Pigmentation का मतलब है त्वचा पर रंगत का बदल जाना। ये आमतौर पर गहरे भूरे या काले धब्बों के रूप में दिखती है, जो melanin नाम के रंगद्रव्य के असंतुलन के कारण होती है। आइए Journal of Clinical and Aesthetic Dermatology, 2020 नामक स्टडी से जानते हैं इसके कारण।

हार्मोनल बदलाव और त्वचा पर असर

जब शरीर में हार्मोन बदलते हैं, जैसे पीरियड्स, प्रेगनेंसी या मेनोपॉज के दौरान, तो ये सीधा असर त्वचा पर डाल सकते हैं। खासकर महिलाएं ऐसे समय pigmentation की समस्या ज्यादा महसूस करती हैं।

Melasma - हार्मोनल समस्या

Melasma एक खास तरह की पिगमेंटेशन है जो खासतौर पर चेहरे के गालों, माथे और नाक पर होती है। इसका सीधा संबंध एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन से होता है, जो गर्भनिरोधक गोलियों या गर्भावस्था के समय बढ़ते हैं।

सूरज की किरणें

सूरज की तेज UV किरणें मेलेनिन को एक्टिव कर देती हैं, जिससे धब्बे और ज्यादा गहरे हो जाते हैं। गर्मियों में बिना सनस्क्रीन के बाहर निकलना पिगमेंटेशन को और बिगाड़ सकता है।

चोट या जलन के बाद के निशान

त्वचा पर कोई पुराना पिंपल, जलन या एलर्जी का असर जाने के बाद वहां गहरे निशान रह जाते हैं। इसे Post-Inflammatory Hyperpigmentation कहा जाता है और ये अक्सर धीरे-धीरे दिखती है।

गलत प्रोडक्ट्स का नुकसान

कुछ लोग स्किन को गोरा करने या एक्सफोलिएट करने के लिए बहुत स्ट्रॉन्ग केमिकल्स या घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करते हैं। इससे स्किन की ऊपरी परत कमजोर हो जाती है और पिगमेंटेशन बढ़ सकती है।

क्या हर पिगमेंटेशन हार्मोनल होती है?

हर पिगमेंटेशन हार्मोनल नहीं होती। कई बार ये धूप, दवाइयों, स्किन इंफेक्शन या मानसिक तनाव जैसे बाहरी कारणों से भी हो सकती है। लेकिन हार्मोनल असंतुलन वाली पिगमेंटेशन थोड़ी ज्यादा जिद्दी होती है।

क्या किया जा सकता है?

चेहरे को रोज साफ और मॉइश्चराइज रखना जरूरी है। धूप में निकलते समय सनस्क्रीन जरूर लगाएं। हॉर्मोनल बदलावों को नजरअंदाज न करें और हेल्दी डाइट के साथ स्किन का ध्यान रखें।

अगर पिगमेंटेशन लगातार बढ़ रही हो या कोई भी क्रीम असर नहीं दिखा रही हो, तो स्किन स्पेशलिस्ट से मिलना सही रहेगा। सही सलाह और इलाज से इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com