सनस्क्रीन आपकी त्वचा को UV किरणों से बचाता है, जिससे सनबर्न, डार्क स्पॉट्स और पिगमेंटेशन जैसी समस्याएं दूर रहती हैं। हर मौसम में इसकी जरूरत होती है लेकिन क्या गर्भवती महिलाएं इसका इस्तेमाल कर सकती हैं? आइए सर्टिफाइड डर्मेटोलॉजिस्ट जयश्री शरद से जानें इस सवाल का जवाब।
प्रेग्नेंसी में स्किन प्रॉब्लम्स
गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल बदलावों से चेहरे, कोहनियों और घुटनों पर पिगमेंटेशन हो सकता है। धूप से यह समस्या और बढ़ सकती है।
प्रेग्नेंसी में सनस्क्रीन सेफ है?
डर्मेटोलॉजिस्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी में सनस्क्रीन का इस्तेमाल सुरक्षित है। ये त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से प्रभावी ढंग से बचाता है।
हर दिन सनस्क्रीन लगाएं
भले ही आप घर में हों या बाहर जा रही हों, हर दिन सनस्क्रीन लगाना जरूरी है। यह नियमित त्वचा देखभाल का अहम हिस्सा होना चाहिए।
दिन में कितनी बार लगाएं?
एक बार नहीं, बल्कि दिन में 2-3 बार सनस्क्रीन लगाना चाहिए, खासकर जब आप बाहर निकलने वाली हों या धूप में ज्यादा समय बिताएं।
कितनी मात्रा जरूरी है?
सनस्क्रीन लगाने की सही मात्रा दो उंगलियों के बराबर होती है। इससे त्वचा पर एक सुरक्षा परत बनती है जो सूरज की किरणों से बचाती है।
कौन-सा सनस्क्रीन चुनें?
गर्भवती महिलाओं को मिनरल या फिजिकल सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। इनमें जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे सुरक्षित तत्व होते हैं।
केमिकल युक्त प्रोडक्ट्स से बचें
प्रेगनेंसी के दौरान हानिकारक केमिकल्स वाले स्किनकेयर प्रोडक्ट्स से दूरी बनाएं। ये आपके और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं।
सनस्क्रीन लगाना सिर्फ एक ब्यूटी स्टेप नहीं, बल्कि हेल्दी स्किन की जरूरत है। इसे डेली रूटीन में शामिल करें और पिगमेंटेशन जैसी दिक्कतों से बचें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com