मोतियाबिंद ज्यादातर उम्र बढ़ने के साथ होती है। कई लोग मानते हैं कि ड्राई आई से मोतियाबिंद होता है। लेकिन ये दोनों आंखों से जुड़ी अलग समस्याएं हैं। आइए डॉ. सीमा यादव (केयर इंस्टीट्यूट, लखनऊ) से जानते हैं इन दोनों में अंतर और मोतियाबिंद होने के मुख्य कारण के बारे में।
क्या है मोतियाबिंद?
मोतियाबिंद आंख के लेंस का धुंधलापन है। यह 40 वर्ष से ऊपर के लोगों में आम है और धीरे-धीरे दृष्टि हानि का कारण बनता है। इसके इलाज के लिए सर्जरी की जाती है।
क्या है ड्राई आई?
ड्राई आई तब होती है जब आंखों में पर्याप्त आंसू नहीं बनते या आंसू जल्दी सूख जाते हैं। इससे आंखों में जलन, खुजली और धुंधलापन होता है। यह कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकती है।
दोनों में क्या है संबंध?
ड्राई आई और मोतियाबिंद का एक-दूसरे से सीधा संबंध नहीं है। दोनों समस्याएं अलग-अलग कारणों से होती हैं और अलग-अलग हिस्सों को प्रभावित करती हैं। लेकिन दोनों एक साथ हो सकती हैं।
मोतियाबिंद का कारण
डॉक्टर सीमा यादव के अनुसार, मोतियाबिंद का सबसे आम कारण है बढ़ती उम्र। 40 की उम्र के बाद लेंस में बदलाव शुरू हो जाता है और 60 के बाद समस्या ज्यादा दिखने लगती है।
डायबिटीज
आपको बता दें कि ब्लड शुगर ज्यादा होने से आंखों पर असर पड़ता है और मोतियाबिंद जल्दी हो सकता है। इसलिए डॉक्टर से उचित सलाह लें और दवाईयों का नियमित सेवन करें।
अनुवांशिक कारण (Genetic)
मोतियाबिंद का सबसे प्रमुख कारण जेनेटिक्स होता है। अगर माता-पिता या परिवार में किसी को मोतियाबिंद रहा है, तो आपके होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
धूप में ज्यादा रहना
बता दें कि लंबे समय तक सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में रहना आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में धूप में निकलने से पहले सनग्लास पहनें।
अगर आपको आंखों से जुड़ी कोई समस्याएं या परेशानियां महसूस हो तो डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com