थायराइड आजकल एक आम समस्या बन गई है। खासकर महिलाएं इससे जूझ रही हैं। यह एक ग्रंथि है जो हमारे शरीर में हॉर्मोन को बनाती है। ऐसे में थायराइड के मरीजों के लिए विटामिन और कैल्शियम को अपनी डाइट में शामिल करना जरूरी हो जाता है, आइए डॉक्टर अल्तमश शेख से जानते हैं इसके पीछे की वजह।
हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरायडिज्म
जब थायराइड ग्रंथि ज्यादा हॉर्मोन बनाती है, तो उसे हाइपरथायरायडिज्म कहते हैं। वहीं, जब हॉर्मोन कम बनते हैं, तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है। इन दोनों ही स्थितियों में डाइट का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
कैल्शियम
थायराइड मरीजों के लिए कैल्शियम से भरपूर डाइट जरूरी होती है। कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, साथ ही हॉर्मोन असंतुलित हो सकते हैं।
कैल्शियम के स्रोत
कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं: दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, कॉर्न फ्लैक्स, और सोयाबीन। इन सभी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें।
विटामिन D और इम्यूनिटी
विटामिन D की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है। थायराइड एक ऑटोइम्यून बीमारी है, इसलिए विटामिन D का सेवन खासकर हाइपोथायरायडिज्म में बहुत जरूरी है।
विटामिन D के स्रोत
विटामिन D के अच्छे स्रोत हैं: मशरूम और धूप। धूप में बैठने से विटामिन D की कमी पूरी हो सकती है, तो रोजाना सुबह कम से कम एक घंटा धूप में बिताएं।
थायराइड कंट्रोल में रखने के लिए डाइट
थायराइड को कंट्रोल में रखने के लिए विटामिन D और कैल्शियम से भरपूर डाइट जरूरी है।
हेल्दी आदतें अपनाएं
थायराइड मरीजों को अपनी डाइट में हेल्दी फैट, लिक्विड पदार्थ और शुगर-फ्री खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए। धूम्रपान और अल्कोहल से बचें।
विटामिन D और कैल्शियम से भरपूर डाइट थायराइड को कंट्रोल करने में मदद करती है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com