आजकल ज्यादा देर कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन देखने और तनाव भरी लाइफस्टाइल के कारण आंखों से जुड़ी गंभीर समस्याएं होने लगी हैं। इनमें से एक है आई स्ट्रोक, जो अचानक नजर कमजोर कर सकता है।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर अधिक जानकारी लेने के लिए हमने मुबंई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की ऑप्थालमोलॉजिस्ट डॉक्टर निकिता माशरू से बातचीत की।
आई स्ट्रोक कैसे होता है?
आई स्ट्रोक तब होता है जब आंखों की नसों या रेटीना तक खून का बहाव रुक जाता है, जिससे आंखों को ऑक्सीजन नहीं मिलती और नजर अचानक कम होने लगती है या अंधेरा छाने लगता है।
आई स्ट्रोक क्यों होता है?
डॉक्टर के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारियों से ग्रसित लोगों को आई स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए, ऐसे मरीजों को आंखों की नियमित जांच करवानी चाहिए।
आई स्ट्रोक का लक्षण
आई स्ट्रोक का एक आम लक्षण यह होता है कि सुबह उठते ही एक आंख से धुंधला दिखने लगता है या अचानक आंखों के आगे अंधेरा सा छा जाता है, जो कुछ ही मिनटों में साफ दिखाई देता है।
आई स्ट्रोक में क्या होता है?
आई स्ट्रोक का दर्द आमतौर पर महसूस नहीं होता। लेकिन, नजर की रोशनी कमजोर होना या रुक-रुक कर आना इसका संकेत हो सकता है। इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
आई स्ट्रोक का कारण
रेटीना में खून का थक्का जमना, ऑप्टिक नर्व में सूजन या ब्लॉकेज आना आई स्ट्रोक का कारण बन सकता है, जिससे आंख और दिमाग के बीच का कनेक्शन गड़बड़ा जाता है।
नींद में आई स्ट्रोक का खतरा
नींद के दौरान खासकर सुबह 3 से 4 बजे के बीच आई स्ट्रोक होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। उस वक्त शरीर की ब्लड फ्लो स्पीड सबसे कम होती है।
आई स्ट्रोक का इलाज
आई स्ट्रोक का इलाज समय पर शुरू करना बहुत जरूरी होता है, जिसमें आंखों के आस-पास हल्की मसाज, लेजर थेरेपी या दवाओं के ज़रिए ब्लॉकेज को खोला जा सकता है।
अगर आपको आंखों से धुंधला दिखे या अचानक नजर कम हो जाए, तो तुरंत किसी आई स्पेशलिस्ट से संपर्क करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com