जब कोई इंसान अपने घर और परिवार से दूर किसी नए शहर में रहने लगता है, तो उसे अपने घर की बहुत याद आती है और यही भावनात्मक स्थिति होमसिकनेस कहलाती है।
मानसिक और शारीरिक लक्षण
होमसिकनेस कोई बीमारी नहीं होती। लेकिन, इससे इंसान को एंग्जाइटी, स्ट्रेस, अकेलापन और थकावट जैसे मानसिक और शारीरिक लक्षण महसूस होने लगते हैं।
प्यार और अपनेपन की कमी
अगर कोई लंबे समय तक अपने परिवार या दोस्तों से नहीं मिल पाता, तो उससे जुड़े प्यार और अपनापन की कमी उसे अंदर से तोड़ने लगती है।
होमसिकनेस
होमसिकनेस तब भी हो सकती है जब कोई इंसान नए माहौल में ढल नहीं पाता और उसके आसपास उससे बात करने या समझने वाला कोई नहीं होता।
बेचैनी महसूस होना
इस स्थिति में व्यक्ति हर वक्त बेचैनी महसूस करता है, उसे नींद नहीं आती और वह अक्सर उदास या चिड़चिड़ा रहने लगता है।
होमसिकनेस का प्रभाव
होमसिकनेस का असर पढ़ाई, काम और रिश्तों पर भी पड़ता है। इंसान किसी भी चीज पर ठीक से ध्यान नहीं लगा पाता।
अकेलापन महसूस होना
कई बार ये परेशानी बचपन की किसी घटना, किसी प्रियजन की कमी या अकेलेपन के डर की वजह से भी हो सकती है।
अपनों से संपर्क रखें
इससे उबरने के लिए जरूरी है कि इंसान अपनों से संपर्क बनाए रखे, चाहे कॉल, मैसेज या वीडियो चैट के ज़रिए ही क्यों न हो।
नया सीखना
नए दोस्त बनाना, किसी हॉबी में समय बिताना या कुछ नया सीखना भी माइंड को रिलैक्स करने में काफी मदद करता है।
अगर होमसिकनेस बहुत ज्यादा बढ़ जाए, तो मनोवैज्ञानिक सलाह लेना चाहिए ताकि समय रहते इसे समझकर ठीक किया जा सके। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com