ब्लड कैंसर शरीर की हड्डियों के भीतर मौजूद बोन मैरो में शुरू होता है और धीरे-धीरे खून में फैलने लगता है, जिससे शरीर कमजोर होने लगता है।
एक्सपर्ट की राय
एससीपीएम हॉस्पिटल के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सुदीप कहते हैं कि डॉक्टर जांच के माध्यम से ही ब्लड कैंसर के टाइप का पता करते हैं।
ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षण
ब्लड कैंसर के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज करना जानलेवा हो सकता है। इसलिए, अगर लगातार बुखार, थकान या सूजन जैसी दिक्कतें हो रही हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हड्डियों में दर्द होना
इस बीमारी में मरीज को हड्डियों में लगातार दर्द, कमजोरी, वजन कम होना, भूख की कमी और रात में अत्यधिक पसीना आने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
ब्लड कैंसर के प्रकार
ब्लड कैंसर को ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा जैसे तीन मुख्य प्रकारों में बांटा गया है, जो शरीर की सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लाज्मा सेल्स को प्रभावित करते हैं।
ल्यूकेमिया
ल्यूकेमिया में शरीर में सफेद रक्त कोशिकाएं ज्यादा बनने लगती हैं, जिससे संक्रमण से लड़ने की ताकत घटती है। इससे शरीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है।
लिम्फोमा
लिम्फोमा में शरीर की लिम्फ नोड्स, नसों और स्प्लीन जैसे अंग प्रभावित होते हैं, जिससे सूजन या गांठ जैसी दिक्कतें सामने आती हैं।
मायलोमा
मायलोमा शरीर की प्लाज्मा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे एंटीबॉडी बनना कम हो जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर सीधा असर होता है।
पीरियड्स में हैवी ब्लीडिंग
अगर किसी व्यक्ति को पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग, मसूड़ों से खून आना या मल में खून नजर आए तो इसे हल्के में न लें और तुरंत जांच करवाएं।
ब्लड कैंसर से बचने के लिए हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज और समय-समय पर हेल्थ चेकअप जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com