सिगरेट पीना सिर्फ स्मोकर के लिए ही नहीं, बल्कि उसके आसपास मौजूद लोगों के लिए भी खतरनाक है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार रेगुलर स्मोकिंग करने वाले लगभग 50% लोगों की मौत का सीधा कारण सिगरेट बनता है।
सेकंड हैंड स्मोकिंग
सेकंड हैंड स्मोकिंग से हर साल लाखों लोग गंभीर बीमारियों का शिकार होकर अपनी जान गंवाते हैं।
सिगरेट के धुएं के नुकसान
सिगरेट के धुएं में 7000 से ज्यादा केमिकल्स होते हैं, जिनमें 69 ऐसे केमिकल्स होते हैं जो कैंसर का कारण बनते हैं।
जहरीले केमिकल्स
सिगरेट के धुएं में आर्सेनिक, एसिटोन और लेड जैसे जहरीले केमिकल्स होते हैं, जो चूहे मारने की दवा, बैटरी और नेल पॉलिश में पाए जाते हैं।
हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा
सेकंड हैंड स्मोकिंग करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा 20-30% तक बढ़ जाता है। यहां तक कि हल्का धुआं भी ब्लड वेसल्स को डैमेज कर हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
सिगरेट छोड़ने से क्या होता है?
सिगरेट छोड़ने के 20 मिनट बाद ही ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट नॉर्मल होने लगता है। 12 घंटे में खून से कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल घट जाता है और फेफड़े बेहतर काम करने लगते हैं।
फेफड़े होंगे मजबूत
धूम्रपान की लत छोड़ने पर 1-9 महीने के भीतर खांसी और सांस फूलने की समस्या कम हो जाती है। फेफड़े पहले से ज्यादा मजबूत और स्वस्थ होने लगते हैं।
सिगरेट के धुएं से मौत
हर साल सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के कारण 80 लाख से ज्यादा लोगों की मौत होती है। इनमें 13 लाख वे होते हैं जो खुद सिगरेट नहीं पीते, बल्कि धुएं के शिकार होते हैं।
गंभीर बीमारियों का खतरा
अगर आप सिगरेट नहीं पीते, तो भी दूसरों के धुएं में सांस लेने से आप गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। इसे रोकना सेहत के लिए बेहद जरूरी है।
धूम्रपान छोड़ने का फैसला सिर्फ आपकी सेहत नहीं, बल्कि आपके परिवार और समाज की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com