पायरिया एक गंभीर मसूड़ों की बीमारी है, जिससे सूजन, खून आना और बदबू जैसी समस्याएं होती हैं। इसे मेडिकल भाषा में पीरियोडोंटाइटिस कहते हैं। समय रहते इलाज न हो तो यह दांतों के गिरने का कारण बन सकता है। चलिए आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा से जानते हैं पायरिया रोग से जुड़ी सारी बातें।
पायरिया के मुख्य कारण
पायरिया का मुख्य कारण है खराब ओरल हाइजीन। मुंह में गंदगी, अधिक चीनी, मैदा और कुछ दवाएं भी इस बीमारी को जन्म देती हैं। नियमित सफाई न करना इसका बड़ा कारण है।
कौन होते हैं ज्यादा प्रभावित?
डॉक्टर के अनुसार, 18 से 35 वर्ष के युवा इस रोग से अधिक प्रभावित होते हैं। मुंह में 700 से अधिक किस्म के बैक्टीरिया पनपते हैं, जो समय के साथ पायरिया को बढ़ाते हैं।
पायरिया का पहला लक्षण
सबसे आम शुरुआती लक्षण है ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आना। इसे नजरअंदाज करना पायरिया को गंभीर बना सकता है और दांतों की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।
दुर्गंध और पीप आना
मुंह से दुर्गंध आना, मसूड़ों से पीप निकलना और सूजन पायरिया के प्रमुख संकेत हैं। इससे आपकी सोशल लाइफ भी प्रभावित हो सकती है और आत्मविश्वास में कमी आती है।
दांतों का ढीला होना
पायरिया के कारण दांतों की पकड़ कमजोर हो जाती है। प्लाक और टार्टर की परतें हड्डी तक फैल जाती हैं, जिससे दांत हिलने लगते हैं और गिरने का खतरा बढ़ता है।
पाचन और अंगों पर असर
पायरिया सिर्फ मुंह की बीमारी नहीं, यह पाचन तंत्र, दिल, दिमाग, फेफड़े और गुर्दे तक को प्रभावित कर सकता है। यह पूरे शरीर की सेहत के लिए खतरा बन सकता है।
कैसे करें बचाव?
हर दिन दो बार ब्रश करें, फ्लॉस का इस्तेमाल करें और नियमित रूप से दांतों की जांच कराएं। अच्छा ओरल हाइजीन पायरिया से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
पायरिया से बचकर आप शरीर की अन्य गंभीर बीमारियों से भी खुद को सुरक्षित रख सकते हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com