गैंग्रीन एक गंभीर बीमारी है, जिसमें शरीर के टिश्यू (ऊतक) डैमेज हो जाते हैं। यह संक्रमण, चोट या ब्लड सर्कुलेशन की रुकावट के कारण हो सकता है।
एक्सपर्ट की राय
इस विषय पर हमने यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर छवि गुप्ता से बात की है। ऐसे में आइए जानते हैं गैंग्रीन क्या है और यह कितने प्रकार के होते हैं?
ऑक्सीजन की कमी
जब शरीर के किसी हिस्से में ऑक्सीजन युक्त ब्लड नहीं पहुंच पाता है, तो वहां के टिश्यू मरने लगते हैं। यह समस्या त्वचा के ऊपरी या अंदरूनी हिस्से में हो सकती है।
त्वचा पर प्रभाव
इससे प्रभावित हिस्से पर काले या नीले रंग के निशान दिखाई देने लगते हैं। कुछ मामलों में, वह हिस्सा पूरी तरह से नीला भी हो सकता है। साथ ही व्यक्ति को दर्द, सुन्नता और त्वचा से बदबूदार द्रव निकलने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
गैंग्रीन के प्रकार
सूक्ष्म गैंग्रीन- ब्लड फ्लो पूरी तरह से रुकने से प्रभावित जगह में टिश्यू सूखने और काले होने लगते हैं। यह धूम्रपान, डायबिटीज या नसों से संबंधित समस्याओं के कारण होती है। इसमें संक्रमण का खतरा कम होता है, लेकिन यह स्थिति गंभीर हो सकती है।
नम गैंग्रीन
यह आमतौर पर बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होता है, जो प्रभावित क्षेत्र में सूजन और दर्द पैदा करता है। इस स्थिति में संक्रमित क्षेत्र में ज्यादा सूजन और तेज दर्द होता है, जो तेजी से फैल सकता है।
गैस गैंग्रीन
यह लोस्ट्रिडियम बैक्टीरिया के कारण होता है। इस बैक्टीरिया की वजह से प्रभावित टिश्यू में गैस का निर्माण होता है और स्थिति तेजी से बिगड़ सकती है। इसके लक्षण गंभीर होते हैं। इसका समय रहते इलाज कराना जरूरी है।
डायबिटिक गैंग्रीन
यह समस्या डायबिटीज में ज्यादा होती है। हाई ब्लड शुगर के कारण नसों को नुकसान पहुंचता है, जो पैरों और अन्य अंगों में ब्लड फ्लो को प्रभावित करती है। यह स्थिति आमतौर पर पैर में होती है। इससे टिशू के डैमेज होने की संभावना बढ़ जाती है।
डॉक्टर से संपर्क करें
गैंग्रीन एक खतरनाक स्थिति है। इसके लक्षणों की पहचान समय पर करना जरूरी है। अगर किसी भी हिस्से की त्वचा नीली या काली दिखाई दे या वहां सूजन, दर्द या बदबूदार द्रव निकलने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गैंग्रीन की समस्या से पीड़ित लोगों को समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com