आंखों का पीलापन सिर्फ जॉन्डिस नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों का भी संकेत हो सकता है, जैसे हेपाटाइटिस, सिकल सेल एनीमिया, मलेरिया और साइरोसिस।
एक्सपर्ट की राय
इस लेख में हम शारदा अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भूमेश त्यागी से बात की है। आइए जानते हैं आंखों में पीले धब्बे क्यों होते हैं?
आंखों का सफेद भाग पीला होना
बिलीरुबिन की मात्रा शरीर में बढ़ने से आंखों का सफेद भाग पीला हो जाता है, जो लिवर की समस्याओं का संकेत हो सकता है।
हेपाटाइटिस
हेपाटाइटिस से लिवर में सूजन आ सकती है, जिससे बिलीरुबिन फिल्टर नहीं हो पाता और आंखों का रंग पीला हो सकता है।
सिकल सेल एनीमिया
सिकल सेल एनीमिया में स्टिकी ब्लड लिवर में जमा हो सकता है, जिससे बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है और आंखों में पीलापन आता है।
मलेरिया के कारण
मलेरिया के कारण खून की कोशिकाएं फट सकती हैं, जिससे लिवर प्रभावित होता है और आंखें पीली हो सकती हैं।
साइरोसिस
साइरोसिस में लिवर सेल्स धीरे-धीरे डैमेज होती हैं और लिवर कठोर हो जाता है, जिससे पीलापन आंखों और त्वचा पर दिखाई देता है।
शराब का सेवन
शराब का ज्यादा सेवन, मोटापा और लंबे समय तक हेपाटाइटिस-बी या सी का संक्रमण साइरोसिस का कारण बन सकते हैं।
उंगलियों में सूजन और दर्द
सिकल सेल एनीमिया के मरीजों में उंगलियों में सूजन और दर्द के साथ त्वचा और आंखों का पीलापन आम लक्षण है।
लिवर पर प्रभाव
मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों के काटने से शरीर में परजीवी ब्लड सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं, जो लिवर को प्रभावित करता है।
इन सभी बीमारियों के शुरुआती संकेत को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। इसलिए, डॉक्टर से सलाह जरूर लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com