हेपेटाइटिस-बी लिवर के सबसे गंभीर संक्रमणों में से एक है। अगर समय पर इलाज न मिले तो यह क्रॉनिक लिवर डिजीज, सिरोसिस या लिवर फेलियर जैसी जानलेवा स्थितियों का कारण बन सकता है।
डॉक्टर से जानें
इसलिए समय रहते लक्षणों को पहचानकर इलाज शुरू करना बहुत जरूरी है। तो आइए गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डॉक्टर पुरुषोत्तम वशिष्ठ से जानते हैं हेपेटाइटिस-बी के लक्षणों के बारे में।
हेपेटाइटिस-बी क्या है?
हेपेटाइटिस-बी एक गंभीर लिवर संक्रमण है, जो हेपेटाइटिस-बी वायरस (HBV) के कारण होता है। यह वायरस लिवर को तेजी से नुकसान पहुंचाता है और एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकता है।
लगातार थकावट रहना
हेपेटाइटिस-बी में शरीर हमेशा थका हुआ लगता है, चाहे आप आराम ही क्यों न कर रहे हों। किसी काम में मन नहीं लगता और हर समय नींद या सुस्ती महसूस होती है, जैसे शरीर में ताकत ही न हो।
भूख का कम लगना
बीमारी के कारण लिवर पर असर पड़ता है जिससे भूख धीरे-धीरे कम हो जाती है। व्यक्ति को खाना अच्छा नहीं लगता, पेट भरा-भरा सा लगता है।
पेट दर्द होना
हेपेटाइटिस-बी में लिवर सूजन के कारण पेट के ऊपरी दाईं ओर हल्का या तेज दर्द होता है। यह दर्द लगातार बना रह सकता है और खाना खाने के बाद बढ़ भी सकता है। कई बार मरोड़ जैसा लगता है।
पीलिया होना
जब लिवर सही से काम नहीं करता, तो शरीर में बिलीरुबिन बढ़ जाता है, जिससे आंखें और त्वचा पीली हो जाती हैं। यह लिवर की गंभीर खराबी का संकेत होता है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
गहरे रंग का पेशाब
बीमारी के कारण पेशाब का रंग हल्के पीले से गहरे पीले या भूरे रंग का हो जाता है। यह लिवर के खराब होने की निशानी है क्योंकि शरीर से विषैले पदार्थ बाहर ठीक से नहीं निकलते।
ऊपर बताए गए लक्षणों में कोई भी लक्षण आपको दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com