एक्जिमा एक त्वचा रोग है जिसे डर्मेटाइटिस भी कहते हैं। इसमें त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली, जलन और सूजन जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। यह हाथ, पैर, चेहरा या शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है।
एक्सपर्ट से जानें
इस बीमारी को समझने के लिए हमने अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के त्वचारोग विशेषज्ञ डॉ. शरीफा चौसे से बात की। आइए उनसे जानते हैं एक्जिमा बीमारी से जुड़ी सारी बातें।
एक्जिमा के कारण
यह समस्या जीन्स में बदलाव, कमजोर इम्यूनिटी, एलर्जी, बैक्टीरिया या पर्यावरणीय कारणों से हो सकती है। खासकर ‘स्टैफिलोकोकस ऑरियस’ नामक बैक्टीरिया इसकी स्थिति को और खराब कर सकता है।
क्या यह संक्रामक है?
नहीं, एक्जिमा संक्रामक नहीं होता। यह एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता है। लेकिन यदि इलाज न हो, तो लक्षण बढ़ सकते हैं।
एक्जिमा के प्रकार
एक्जिमा के 6 प्रमुख प्रकार हैं- एटोपिक डर्मेटाइटिस, कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस, सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस, डायसिड्रोटिक, न्यूमुलर और स्टैसिस डर्मेटाइटिस।
एक्जिमा के लक्षण
एक्जिमा में त्वचा पर खुजली, सूखापन, लाल चकत्ते, दाने, सूजन, पपड़ी और कभी-कभी जलन भी होती है। यह लक्षण दिन-प्रतिदिन बढ़ सकते हैं, इसलिए इनका समय पर इलाज जरूरी है।
क्या करें?
त्वचा को मॉइस्चराइज करें। नहाने के तुरंत बाद नारियल तेल लगाएं। शॉवर जेल से बचें और शरीर को हमेशा हाइड्रेटेड रखें। खुजली से बचने के लिए त्वचा को ज्यादा रगड़ें नहीं।
इलाज कैसे होता है?
डॉक्टर ब्लड टेस्ट, एलर्जी टेस्ट या स्किन बायोप्सी की सलाह दे सकते हैं। इलाज में इम्यूनो-सप्रेसेंट दवाएं, सूजन कम करने वाली दवाएं और विशेष मॉइस्चराइजर शामिल होते हैं।
अगर खुजली, चकत्ते या स्किन पर सूजन लगातार बनी रहे, तो त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह लें। जल्दी इलाज से एक्जिमा को कंट्रोल किया जा सकता है। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com