पेट में दर्द दे सकता है इस गंभीर बीमारी का संकेत, जानें बचाव

By Himadri Singh Hada
24 Feb 2025, 13:00 IST

अल्सरेटिव कोलाइटिस एक पुरानी आंतों की बीमारी है, जिसमें बड़ी आंत और मलाशय में सूजन और छाले हो सकते हैं। इससे पेट दर्द, दस्त और मल में खून आने जैसी परेशानियां हो सकती हैं।

एक्सपर्ट की राय

इस विषय पर हमने विशेषज्ञ नुपुर पाटिल से बात की, जिन्होंने अल्सरेटिव कोलाइटिस के बारे में विस्तार से समझाया। इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए हेल्दी डाइट जरूरी है।

अल्सरेटिव कोलाइटिस

अल्सरेटिव कोलाइटिस रोग ज्यादातर 30-40 साल की उम्र के लोगों में देखा जाता है। समय पर इलाज न कराने से यह एनीमिया और कुपोषण जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।

इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज

जिन लोगों के परिवार में पहले से ही इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) से पीड़ित है, उनमें अल्सरेटिव कोलाइटिस होने की संभावना ज्यादा होती है।

धूम्रपान से बचें

धूम्रपान, अनियमित खानपान, तनाव और पर्यावरणीय कारक इस बीमारी के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, हेल्दी अपनाना जरूरी है।

फाइबर युक्त चीजों से बचें

इस बीमारी से पीड़ित लोगों को फाइबर युक्त भोजन से बचना चाहिए। यह आंतों में जलन और असहजता बढ़ा सकता है, जिससे लक्षण ज्यादा गंभीर हो सकते हैं।

डेयरी प्रोडक्ट्स से बचें

दूध और डेयरी प्रोडक्ट उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकते हैं, जो लैक्टोज असहिष्णुता से ग्रसित हैं। इसलिए, लैक्टोज-फ्री या डेयरी मुक्त विकल्प चुनें।

मसालेदार चीजों से बचें

मसालेदार और तले-भुनी चीजों से आंतों की सूजन बढ़ा सकती हैं, जिससे मरीज को ज्यादा दर्द और दस्त की समस्या हो सकती है। इसलिए, इनसे बचना चाहिए।

हाइड्रेटेड रहें

शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है। दस्त के कारण पानी की कमी हो सकती है, जिससे शरीर कमजोर हो सकता है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

अल्सरेटिव कोलाइटिस के मरीजों को अपने खाने-पीने की आदतों पर ध्यान देना जरूरी है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com