बुजुर्गों में हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। लंबे समय तक इलाज न होने पर यह जानलेवा बीमारियों को जन्म दे सकता है। आइए एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से जानें बीपी कंट्रोल न करने से क्या खतरे हो सकते हैं।
दिल की बीमारियां बढ़ाता है
हाई बीपी हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कोरोनरी आर्टरी डिजीज का खतरा बढ़ाता है। बुजुर्गों में यह स्थिति जानलेवा हो सकती है अगर समय रहते इलाज न हो।
धमनियों में ब्लॉकेज
हाई ब्लड प्रेशर के कारण आर्टेरियल स्टेनोसिस हो सकता है। इसमें धमनियों में ब्लॉकेज बनने लगता है, जिससे खून का प्रवाह प्रभावित होता है।
किडनी की सेहत पर असर
हाई बीपी डायबिटिक नेफ्रोपैथी जैसी बीमारियों को बढ़ावा देता है। इससे बुजुर्गों की किडनी की कार्यक्षमता घटती है और डायलिसिस की जरूरत पड़ सकती है।
डायबिटीज का खतरा
हाई बीपी डायबिटीज की संभावनाएं बढ़ाता है। बुजुर्गों में ब्लड शुगर कंट्रोल करना कठिन हो जाता है और न्यूरोपैथी जैसी जटिलताएं बढ़ने लगती हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
हाई बीपी तनाव, चिड़चिड़ापन और चिंता को जन्म देता है। दिमाग को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिलने से मेमोरी लॉस और कॉग्निटिव डिसऑर्डर हो सकता है।
आंखों की बीमारियां
बुजुर्गों में हाई बीपी के कारण रेटिनोपैथी, ग्लूकोमा और मैकुलर डिजीज जैसे नेत्र रोग हो सकते हैं। आंखों की रोशनी कमजोर पड़ने लगती है।
समय पर इलाज जरूरी है
अगर हाई बीपी के लक्षण दिखें, जैसे सिर दर्द या चक्कर, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। सही दवाएं और जीवनशैली बदलाव से स्थिति कंट्रोल हो सकती है।
बुजुर्गों में हाई बीपी से बचने के लिए नियमित चेकअप, संतुलित आहार और व्यायाम जरूरी हैं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com