गुस्से को रोकना या छिपाना कभी-कभी सही लग सकता है, लेकिन इसका असर आपके शरीर और दिमाग पर गहरा हो सकता है। आइए PubMed की रिपोर्ट से जानते हैं ऐसा करने से क्या नुकसान हो सकते हैं।
गुस्सा रोकने से क्या होता है?
जब हम गुस्सा अंदर दबा लेते हैं, तब दिमाग में तनाव बढ़ जाता है। यह तनाव धीरे-धीरे शरीर पर भी असर डालने लगता है।
दिल की सेहत पर असर
गुस्सा दबाने से दिल की धड़कन तेज हो सकती है और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। लंबे समय तक ऐसा करना हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ाता है।
दर्द को बढ़ा सकता है दबा हुआ गुस्सा
कुछ रिसर्च में पाया गया है कि जो लोग गुस्सा नहीं निकालते, उन्हें शरीर में क्रोनिक दर्द या पीठ दर्द ज्यादा होता है।
इम्यून सिस्टम की कमजोरी
गुस्सा अंदर दबाने से शरीर में सूजन (inflammation) और तनाव हार्मोन बढ़ते हैं, जिससे रोगों से लड़ने की ताकत कम हो जाती है।
दिमाग पर बढ़ता है दबाव
ऐसे लोग जिन्हें अक्सर गुस्सा आता है लेकिन वो उसे छिपाते हैं, उनके दिमाग में थकावट और बेचैनी बढ़ सकती है। यह डिप्रेशन और एंग्जायटी की ओर ले जा सकता है।
नींद पर भी पड़ता है असर
दबा हुआ गुस्सा रात को सोने नहीं देता। मन बेचैन रहता है, जिससे नींद पूरी नहीं होती और दिनभर थकान महसूस होता है।
रिश्तों में दूरी आ सकती है
जब गुस्सा बाहर नहीं आता, तो वो अंदर ही अंदर चुभता रहता है। यह बात धीरे-धीरे रिश्तों में दूरियां पैदा कर सकती है।
गुस्से को पहचानें और स्वस्थ तरीके से जाहिर करे, जैसे बात करके, लिखकर या ध्यान लगाकर। इससे मन भी हल्का रहेगा और शरीर भी स्वस्थ रहेगा। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com