प्लेटलेट्स खून को थक्का बनाने में मदद करते हैं, जिससे ब्लीडिंग रुकती है। इनकी कमी से शरीर में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनका समय पर इलाज जरूरी है। आइए जनरल फिजिशियन डॉ. रमन कुमार से जानते हैं लो प्लेटलेट्स के लक्षण।
प्लेटलेट्स की कमी के मुख्य कारण
डेंगू, बैक्टीरियल इंफेक्शन, बोन मैरो की समस्या, कीमोथेरेपी, हाइपरसप्लेनिज्म और ऑटोइम्यून डिसऑर्डर प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकते हैं।
बोन मैरो की परेशानी
अस्थि मज्जा (Bone Marrow) नई प्लेटलेट्स बनाने का काम करता है। अगर यह ठीक से काम न करे, तो शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है।
बैक्टीरियल इंफेक्शन और प्लेटलेट्स
ब्लड में बैक्टीरिया बढ़ने से प्लेटलेट्स नष्ट हो सकते हैं। यह शरीर में गंभीर ब्लड इंफेक्शन (Sepsis) का संकेत हो सकता है, जिसे तुरंत इलाज की जरूरत होती है।
आईडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक पुरपुरा (ITP)
इस स्थिति में शरीर की इम्यून सिस्टम प्लेटलेट्स को नष्ट करने लगती है। हल्की खरोंच या चोट लगने पर भी ज्यादा ब्लीडिंग होने लगती है।
प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण
आसान चोट लगना, नाक-मसूड़ों से खून आना, स्किन पर लाल या बैंगनी धब्बे पड़ना, यूरिन और मल में खून आना प्लेटलेट्स की कमी के संकेत हैं।
आंतरिक ब्लीडिंग के संकेत
अगर सिरदर्द, चक्कर आना, उल्टी में खून आना या नर्वस सिस्टम में दिक्कत हो, तो यह आंतरिक ब्लीडिंग के लक्षण हो सकते हैं। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
महिलाओं में प्लेटलेट्स की कमी
पीरियड्स के दौरान असामान्य रूप से ज्यादा ब्लीडिंग, कमजोरी, और थकान प्लेटलेट्स की कमी का संकेत हो सकते हैं। डॉक्टर से सलाह लें।
स्वस्थ आहार लें, हाइड्रेटेड रहें, इम्यून सिस्टम मजबूत करें, और किसी भी असामान्य ब्लीडिंग के लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com