लिवर फाइब्रोसिस कितना खतरनाक है?

By Deepak Kumar
04 Jun 2025, 15:30 IST

लिवर फाइब्रोसिस एक गंभीर स्थिति है जिसमें लिवर के हेल्दी टिशूज पर घाव बनने लगते हैं। यह लिवर डैमेज की शुरुआती स्टेज होती है। समय पर इलाज न हो तो यह सिरोसिस या लिवर फेलियर जैसी खतरनाक बीमारियों में बदल सकती है। इसलिए लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय रहते जांच और इलाज जरूर करवाएं।

यह समस्या क्यों होती है?

शराब, वायरल हेपेटाइटिस, मोटापा, फैटी लिवर, धूम्रपान और जेनेटिक कारण इसके प्रमुख कारण हैं। लंबे समय तक लिवर पर दबाव या सूजन से फाइब्रोसिस का खतरा बढ़ता है।

शुरुआती लक्षण क्या हैं?

शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन भूख न लगना, थकान, उल्टी, पीलिया, स्किन पर खुजली, पेट में दर्द और वजन घटना इसके संकेत हो सकते हैं।

लिवर डैमेज का स्टेज

फाइब्रोसिस लिवर डैमेज की पहली स्टेज है। अगर समय पर इलाज न हो तो यह सिरोसिस और लिवर फेलियर में बदल सकता है। इससे बचाव के लिए सतर्क रहना जरूरी है।

कैसे होती है जांच?

लिवर बायोप्सी, ट्रांसिएंट एलास्टोग्राफी और नॉन-सर्जिकल टेस्ट से इसका पता लगाया जाता है। समय रहते जांच करवाना लिवर को गंभीर नुकसान से बचा सकता है।

इलाज कैसे किया जाता है?

इलाज कारणों पर निर्भर करता है। शराब बंद करना, वजन कम करना, ब्लड शुगर कंट्रोल करना और एंटीफायब्रोटिक्स दवाओं का उपयोग कर फाइब्रोसिस को रोका जा सकता है।

ट्रांसप्लांट की नौबत

अगर फाइब्रोसिस गंभीर स्टेज में पहुंच जाए, तो लिवर ट्रांसप्लांट ही आखिरी विकल्प होता है। इसलिए समय रहते लाइफस्टाइल में बदलाव और डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

बचाव कैसे करें?

फास्ट फूड, शराब और धूम्रपान से दूर रहें। संतुलित डाइट लें, एक्सरसाइज करें, वजन कंट्रोल में रखें और समय-समय पर लिवर की जांच करवाएं।

लिवर की देखभाल आपकी जिम्मेदारी है। लक्षणों को नजरअंदाज न करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com