डेंगू बुखार में लोग अक्सर घरेलू इलाज खोजते हैं। बकरी का दूध एक ऐसा विकल्प है, जिसे कुछ लोग प्लेटलेट बढ़ाने के लिए पीते हैं। लेकिन क्या ये सच में असरदार है? आइए PubMed की एक रिपोर्ट से जानें।
डेंगू बुखार क्या होता है?
डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है जो मच्छरों के काटने से फैलता है। इसके लक्षणों में बुखार, बदन दर्द, और प्लेटलेट्स की गिरावट शामिल होती है। सही इलाज न मिलने पर यह गंभीर हो सकता है।
बकरी का दूध क्यों चर्चा में है?
कुछ लोग मानते हैं कि बकरी के दूध में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो प्लेटलेट्स को बढ़ा सकते हैं। यही वजह है कि डेंगू के मरीज इसे आजमाते हैं।
वैज्ञानिक सबूत
मेडिकल रिसर्च प्लेटफॉर्म पर कुछ स्टडीज जरूर हैं, लेकिन अब तक यह साफ तौर पर साबित नहीं हुआ है कि बकरी का दूध डेंगू को ठीक कर सकता है।
प्लेटलेट्स पर क्या असर होता है?
कुछ छोटे अध्ययन और केस रिपोर्ट बताते हैं कि बकरी का दूध प्लेटलेट्स बढ़ाने में थोड़ा असरदार हो सकता है। लेकिन, यह असर सभी मरीजों पर समान नहीं होता।
जोखिम क्या हैं?
कच्चे बकरी के दूध में बैक्टीरिया हो सकते हैं जो इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। खासकर ब्रुसेलोसिस नामक बीमारी का खतरा रहता है, जो और भी गंभीर हो सकती है।
डॉक्टरों की क्या सलाह है?
विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि बकरी के दूध को इलाज नहीं माना जाना चाहिए। अगर पीना भी हो, तो उबालकर ही पिएं और डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
बेहतर विकल्प क्या हैं?
डेंगू में शरीर को ज्यादा पानी, फल, नारियल पानी और संतुलित डाइट की जरूरत होती है। ये तरीके ज्यादा सुरक्षित और असरदार माने जाते हैं।
बकरी का दूध कोई जादुई इलाज नहीं है। अगर आप इसे लेना चाहें, तो डॉक्टर से पूछकर ही पिएं। डेंगू का सही इलाज सिर्फ मेडिकल केयर से ही संभव है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com