जब लिवर में जरूरत से ज्यादा फैट जमा हो जाता है, तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है। ये स्थिति हेल्दी लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकती है जिससे थकावट महसूस होने लगती है। आइए डॉ अनु गायकवाड से जानते हैं फैटी लिवर से थकान क्यों होती है?
क्या सामान्य लिवर में फैट होता है?
हां, हेल्दी लिवर में थोड़ा फैट मौजूद होता है। लेकिन जब यह फैट लिवर के कुल वजन का 5-10% हो जाए, तब समस्या शुरू होती है।
फैटी लिवर से सूजन क्यों होती है?
ज्यादा फैट से लिवर में सूजन आ सकती है। इससे प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स रिलीज होते हैं, जो शरीर में थकान और कमजोरी की वजह बन सकते हैं।
एनर्जी प्रोडक्शन पर असर
लिवर शरीर को एनर्जी देने में मदद करता है। फैटी लिवर के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जिससे थकावट और थकावट महसूस होती है।
मेटाबॉलिज्म भी प्रभावित
लिवर का एक मुख्य कार्य है मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करना। फैटी लिवर इस प्रक्रिया को धीमा कर देता है, जिससे कमजोरी महसूस होती है।
थकान का अन्य कारण
अगर व्यक्ति को मोटापा, डायबिटीज या मेटाबॉलिक सिंड्रोम है, तो फैटी लिवर की संभावना बढ़ जाती है, जिससे थकान और कमजोरी हो सकती है।
नींद की समस्या से जुड़ाव
फैटी लिवर वाले लोगों को अक्सर स्लीप एप्नीया होता है। इससे नींद की क्वालिटी गिरती है और दिनभर थकान महसूस होती है।
शारीरिक गतिविधि में कमी
फैटी लिवर के कारण शरीर थका हुआ लगता है। इससे व्यक्ति की फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है, जो कमजोरी को और बढ़ा देती है।
वजन कंट्रोल में रखें, हेल्दी डायट लें, रोजाना एक्टिव रहें और नियमित जांच कराएं। समय रहते ध्यान देने से फैटी लिवर और थकान को रोका जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com