बुखार कोई बीमारी नहीं, बल्कि शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया है जो संक्रमण या अंदरूनी समस्या से लड़ने के लिए होती है। जब शरीर वायरस या बैक्टीरिया से संक्रमित होता है, तो तापमान बढ़ाकर उनसे लड़ता है, जिससे हमें बुखार महसूस होता है। आइए जनरल फिजिशियन डॉ. समीर से जानते हैं बुखार होने के कुछ प्रमुख कारणों के बारे में।
वायरल संक्रमण
बुखार का सबसे सामान्य कारण वायरल इंफेक्शन होता है। जैसे सर्दी, खांसी, फ्लू आदि। यह इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया से शरीर का तापमान बढ़ा देता है।
मौसम में बदलाव
गर्मी से ठंड या ठंड से गर्मी के बदलाव से भी शरीर प्रभावित होता है। ऐसे में तापमान अस्थायी रूप से बढ़ सकता है और बुखार हो सकता है।
टीकाकरण के बाद बुखार
कुछ टीकों जैसे कोविड, टेटनस या डिप्थीरिया के बाद हल्का बुखार आना सामान्य है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा है।
शरीर में पानी की कमी
डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी से भी बुखार हो सकता है। गर्मी में लू लगना, पसीना अधिक आना आदि इसके कारण हो सकते हैं।
ज्यादा थकावट या तनाव
लगातार थकान, नींद की कमी या मानसिक तनाव शरीर को कमजोर बना देता है। इससे प्रतिरक्षा प्रणाली पर असर पड़ता है और हल्का बुखार हो सकता है।
सामान्य तापमान कितना होता है?
शरीर का सामान्य तापमान 97°F से 99°F होता है। अगर यह 100.4°F या उससे अधिक हो जाए और बना रहे, तो इसे बुखार माना जाता है।
कब डॉक्टर को दिखाएं?
अगर बुखार 3 दिन से ज्यादा बना रहे, दवाओं से राहत न मिले, या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। इसे नजरअंदाज न करें।
बुखार आना सामान्य बात है, सही इलाज या उपचार जरूरी है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com