पित्ताशय में जब कोलेस्ट्रॉल या पित्त रस जम जाता है, तो वह ठोस रूप लेकर पथरी बन जाता है। इसे ‘गॉलब्लैडर स्टोन’ कहा जाता है। लेकिन सवाल ये है कि पित्ताशय में पथरी किन कारणों से बनती है? आइए एमबीबीएस डॉक्टर रूही पीरजादा से जानते हैं इस बारे में।
कहां होता है पित्ताशय?
पित्ताशय लिवर के नीचे एक छोटा थैलीनुमा अंग होता है। इसका काम पाचन में सहायक पित्त रस को जमा करना और जरूरत पड़ने पर छोड़ना होता है।
हार्मोनल कारण
गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन हार्मोन में बदलाव करता है, जिससे पित्त गाढ़ा हो जाता है और पथरी बनने का खतरा बढ़ता है। महिलाओं में यह कारण आम है।
गलत खानपान का असर
जंक फूड, मीठी चीजें, और रिफाइंड कार्ब्स का अत्यधिक सेवन पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाता है। यह पथरी बनने की सबसे बड़ी वजहों में से एक है।
डायबिटीज से खतरा
डायबिटीज के कारण शरीर में वसा और पित्त के बीच संतुलन बिगड़ता है। इससे पित्त गाढ़ा हो सकता है और पथरी बनने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
मोटापा
अत्यधिक वजन या मोटापा पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ाता है। ऐसे लोगों को पथरी का खतरा अधिक होता है, खासकर अगर जीवनशैली निष्क्रिय हो।
कॉफी और पथरी का कनेक्शन
बहुत अधिक कॉफी पीने से पित्त की थैली पर असर पड़ता है। यह आदत पित्त के बहाव को बाधित कर सकती है, जिससे पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
पथरी के आम लक्षण
पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द, मतली, उल्टी, बुखार, खट्टी डकारें, पीलिया, पेट फूलना और भारीपन जैसे लक्षण गॉलब्लैडर स्टोन के संकेत हो सकते हैं।
आपको बता दें कि अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एंडोस्कोपी और रेडियोन्यूक्लाइड स्कैन जैसे टेस्ट के जरिए डॉक्टर गॉलब्लैडर स्टोन की पुष्टि करते हैं और उसके अनुसार इलाज तय करते हैं। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com