कोर्टिसोल एक स्टेरॉयड हार्मोन है जो एड्रेनल ग्लैंड (गुर्दे के ऊपर) से बनता है। यह शरीर में तनाव, मेटाबॉलिज्म और इम्यून सिस्टम को कंट्रोल करता है। आइए एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से जानते हैं यह हार्मोन क्यों जरूरी है?
बॉडी क्लॉक में मददगार
कोर्टिसोल शरीर बॉडी क्लॉक को रेगुलेट करता है। इसकी मदद से आप सुबह जागते हैं और रात को बेहतर नींद लेते हैं।
मूड और इमोशंस का कंट्रोल
कोर्टिसोल हार्मोन मूड को स्थिर बनाए रखता है और इमोशंस को कंट्रोल करता है। तनाव भरे समय में ये हार्मोन बेहद एक्टिव हो जाता है।
फिजिकल डेवलपमेंट में जरूरी
यह हार्मोन टिशू रिपेयर, हड्डियों की ग्रोथ और मसल मास बनाने में मदद करता है। फिजिकल डेवलपमेंट के लिए इसका संतुलन बेहद जरूरी है।
इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत
कोर्टिसोल इम्यूनिटी को सुधारता है और शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है। यह इंफेक्शन से बचाव में भी मदद करता है।
तनाव में कैसे करता है काम?
तनाव की स्थिति में कोर्टिसोल शरीर की प्रतिक्रिया को कंट्रोल करता है। यह तनाव को हैंडल करने में मानसिक और शारीरिक रूप से मदद करता है।
ज्यादा कोर्टिसोल के नुकसान
कोर्टिसोल बढ़ने पर पेट और चेहरे पर फैट जमा होने लगता है, मुंहासे और अनचाहे बाल उगते हैं। महिलाओं में पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं।
कम कोर्टिसोल के लक्षण
कम कोर्टिसोल से वजन घटता है, लगातार थकान और मांसपेशियों में कमजोरी महसूस होती है। इससे एनर्जी लेवल बहुत कम हो जाता है।
कोर्टिसोल के लेवल को जांचने के लिए ब्लड टेस्ट जरूरी है। संतुलित डाइट, नींद और तनाव प्रबंधन से इसका लेवल नॉर्मल बना रहता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com