अगर आपको बार-बार पेट में एसिडिटी या गैस की परेशानी होती है, तो अपने शरीर के पीएच और पाचन की जांच के लिए Arterial Blood Gas (ABG Test) टेस्ट बहुत जरूरी है। इससे पता चलता है कि आपका पेट सही तरीके से काम कर रहा है या नहीं।
डॉक्टर से जानें
तो आइए, डॉक्टर अजय शाह से विस्तार में जानते हैं Arterial Blood Gas Test के बारे में। यहां उन्होंने इस टेस्ट के बारे में सारी जरूरी बातें बताई है।
एबीजी टेस्ट क्या है?
ABG यानी Arterial Blood Gas टेस्ट खून में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा मापता है। यह फेफड़ों और मेटाबॉलिज्म की स्थिति जानने के लिए किया जाता है, खासकर जब सांस लेने में दिक्कत हो।
एसीडोसिस और अल्कलोसिस
जब खून बहुत एसिडिक (एसिडोसिस) या बेसिक (अलकलोसिस) हो जाता है, तब भी ABG टेस्ट जरूरी होता है। यह स्थिति शरीर के एसिड-बेस बैलेंस को बिगाड़ सकती है और स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है।
एबीजी टेस्ट की जरूरत कब होती है?
सांस लेने में दिक्कत, मेटाबॉलिज्म असंतुलन, या शरीर में एसिड-बेस असंतुलन के लक्षण दिखें तो ABG टेस्ट करवाना चाहिए। यह टेस्ट डॉक्टर श्वसन और मेटाबॉलिक समस्याओं के लिए सलाह देते हैं।
कौन-कौन सी बीमारियों में ABG टेस्ट जरूरी?
COPD, फेफड़ों की पुरानी बीमारियां, गुर्दे की बीमारी, और हार्ट फेलियर जैसी स्थितियों में ABG टेस्ट बेहद महत्वपूर्ण होता है। आपातकालीन मामलों में भी यह टेस्ट किया जाता है।
एबीजी टेस्ट कैसे होता है?
एबीजी टेस्ट में धमनियों से खून निकाला जाता है। यह प्रक्रिया लगभग 10 मिनट में पूरी हो जाती है। खून की जांच से पता चलता है कि शरीर में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर क्या है।
खून का पीएच स्तर क्या दर्शाता है?
खून में 7.0 से कम पीएच एसिडिक माना जाता है, जबकि 7.0 से अधिक पीएच बेसिक होता है। लो पीएच का मतलब ज्यादा एसिडिटी और हाई पीएच का मतलब अधिक बेसिक होना होता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है।
एबीजी टेस्ट केवल डॉक्टर की सलाह पर ही करवाना चाहिए। अगर सांस की समस्या, असंतुलन या एसिड-बेस लक्षण महसूस हों, तो डॉक्टर से संपर्क करें और टेस्ट करवाएं। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com