कई लोग रात में सोते हुए अचानक बात करने लगते हैं। ऐसा क्यों होता है अगर आपको नहीं पता तो चलिए PubMed की रिपोर्ट से जानते हैं।
इसे क्या कहते हैं?
रात में नींद में बात करना एक नींद से जुड़ा व्यवहार है जिसे Somniloquy कहा जाता है। यह एक प्रकार का Parasomnia है, यानी नींद के दौरान असामान्य गतिविधि।
कितनी आम समस्या है ये?
करीब 65–70% लोग अपने जीवन में कभी न कभी नींद में बोलते हैं। यह बच्चों में ज्यादा होता है लेकिन वयस्कों में भी पाया जाता है।
नींद के किस चरण में होता है ये?
नींद में बात करना नींद के दोनों चरणों, NREM (गहरी नींद) और REM (सपनों की नींद), में हो सकता है। कभी-कभी बोलने वाले को खुद इसका पता भी नहीं होता।
इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
तनाव, नींद की कमी, थकान, बुखार, अल्कोहल, या कुछ दवाएं नींद में बात करने को ट्रिगर कर सकती हैं। कुछ मामलों में यह आनुवंशिक भी हो सकता है।
क्या ये कोई बीमारी है?
अकेले नींद में बात करना आमतौर पर हानिरहित होता है। लेकिन अगर इसके साथ नींद में चलना, चिल्लाना या डरावने सपने हों, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या यह दूसरों को परेशान करता है?
जी हां, खासकर जब कोई जोर से या बार-बार बोलता है तो साथ सोने वाले की नींद खराब हो सकती है। कई बार बातें समझ भी आती हैं, तो निजी जानकारी का भी रिस्क होता है।
इससे कैसे निपटें?
तनाव को कम करें, सही नींद लें, और अल्कोहल से बचें। अगर समस्या बढ़ रही हो तो नींद विशेषज्ञ से जांच कराना बेहतर है।
नींद में बोलना आम है और ज्यादातर मामलों में चिंता की बात नहीं है। मगर जब ये रोज हो या और लक्षण जुड़ें, तो इसे नजरअंदाज न करें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com