हेमोफिलस इंफेक्शन : लक्षण, कारण और बचाव

By Aditya Bharat
06 May 2025, 07:00 IST

हेमोफिलस संक्रमण एक बैक्टीरियल बीमारी है, जो नाक, गला और फेफड़ों को प्रभावित करती है। यह संक्रमण बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा खतरनाक हो सकता है। आइए सीनियर फिजीशियन डॉ समीर से जानते हैं इसके कारण, लक्षण और बचाव।

इंफेक्शन का कारण

यह बीमारी Haemophilus Influenzae नामक बैक्टीरिया से होती है। टाइप B और टाइप C इसके दो सामान्य प्रकार हैं, जो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

कैसे फैलता है संक्रमण?

संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के संपर्क में आने से यह बैक्टीरिया फैलता है। यह भीड़-भाड़ वाले स्थानों में तेजी से फैल सकता है।

प्रमुख लक्षण - बुखार व ठंडक

संक्रमण की शुरुआत बुखार और ठंडक से होती है। व्यक्ति को कंपकंपी के साथ तेज बुखार महसूस हो सकता है जो लगातार बना रह सकता है।

सांस और खांसी की समस्या

हेमोफिलस संक्रमण से सांस लेने में तकलीफ, खांसी और बलगम जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह लक्षण बच्चों में अधिक गंभीर हो सकते हैं।

गले व शरीर में दर्द

गले में खराश, दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी या थकावट महसूस होना आम है। शरीर में हल्का दर्द लंबे समय तक रह सकता है।

संक्रमण के जोखिम कारक

कमजोर इम्यून सिस्टम, स्मोकिंग, प्रदूषित वातावरण और अन्य बीमारियों से ग्रसित होना संक्रमण के जोखिम को बढ़ाता है। छोटे बच्चे भी ज्यादा संवेदनशील होते हैं।

बचाव के उपाय

टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है। साथ ही, हाथों की सफाई, स्मोकिंग से परहेज और हेल्दी डाइट से इम्यून सिस्टम मजबूत बनाएं।

अगर बुखार, सांस की तकलीफ या लगातार खांसी हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। शुरुआती इलाज से परेशानियों से बचा जा सकता है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com