बुखार एक सामान्य शारीरिक प्रतिक्रिया है, जब शरीर का तापमान 98-100°F से ऊपर चला जाता है। बुखार कई तरह के हो सकते हैं, जो शरीर की अलग-अलग स्थितियों और संक्रमणों पर निर्भर करते हैं।
डॉक्टर से जानें
आपको बता दें कि बुखार को इसके तापमान के उतार-चढ़ाव और अवधि के आधार पर 5 प्रकारों में बांटा गया है। हर प्रकार के बुखार के अपने कारण और लक्षण होते हैं। आइए फैमिली फिजिशियंस ऑफ इंडिया के डॉक्टर रमन कुमार से जानते हैं इस बारे में।
आंतरायिक बुखार (Intermittent fever)
इस बुखार में दिनभर सामान्य तापमान रहता है, लेकिन रात को बढ़ता है। यह मलेरिया जैसे बैक्टीरियल संक्रमण में देखा जाता है। इसे कोटिडियन बुखार, तृतीयक ज्वर और क्वार्टन फीवर में बांटा गया है।
रेमिटेंट बुखार (Remittent fever)
रेमिटेंट बुखार में तापमान लगातार बढ़ा रहता है, लेकिन दिनभर थोड़ा उतार-चढ़ाव होता है। यह ब्रूसीलोसिस और इंफेक्टिव एंडोकार्डिटिस जैसे संक्रमणों से जुड़ा होता है।
लगातार बुखार (Continuous fever)
इस बुखार में तापमान दिनभर स्थिर बना रहता है, ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता। यह निमोनिया, थायरॉइड और यूरिन इन्फेक्शन के कारण हो सकता है।
अचानक तेज बुखार
इसमें तापमान अचानक तेजी से बढ़ता है। थकान, शरीर दर्द और सिरदर्द इसके सामान्य लक्षण हैं। यह डेंगू जैसे वायरल संक्रमण में आम है।
रूमेटिक फीवर (Rheumatic fever)
रूमेटिक बुखार streptococcal बैक्टीरिया से होता है। इसमें गले में सूजन, सिरदर्द, टॉन्सिल और जोड़ों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।
डॉक्टर से कब मिलें?
अगर बुखार 3 दिन से ज्यादा रहे, 102°F से ऊपर हो या शरीर में तेज दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बुखार को हल्के में न लें और समय पर जांच कराएं। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com