महिलाओं के लिए वजाइनल हेल्थ का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। हाइजीन की कमी से यीस्ट इंफेक्शन और वजाइनल पीलिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे खुजली, जलन और इरिटेशन का सामना करना पड़ सकता है।
एक्सपर्ट की राय
इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि ऑरा स्पेशलिटी क्लिनिक (गुड़गांव) की डॉयरेक्टर और मैक्स हॉस्पिटल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. रितु सेठी से।
वजाइना में ड्राईनेस
वजाइना में ड्राईनेस हार्मोनल बदलाव, मेनोपॉज या दवाओं के कारण हो सकती है, जिससे त्वचा छिलने लगती है और खुजली बढ़ जाती है। इसलिए, हाइड्रेशन बनाए रखना और सही देखभाल करना जरूरी होता है।
डॉक्टर की सलाह लें
बिना डॉक्टर की सलाह के वजाइनल हाइजीन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से एलर्जी और जलन हो सकती है। इसलिए, सुरक्षित और डॉक्टर द्वारा सुझाए गए प्रोडक्ट्स का ही प्रयोग करना बेहतर होता है।
हार्मोनल बदलाव
हार्मोनल बदलाव के कारण पीरियड्स, मेनोपॉज और गर्भावस्था के दौरान वजाइनल ड्राईनेस और खुजली हो सकती है, जिससे राहत पाने के लिए हाइजीन मेंटेन करना फायदेमंद हो सकता है।
डिहाइड्रेशन के कारण
डिहाइड्रेशन भी वजाइनल ईचिंग और पीलिंग की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए, भरपूर पानी पीना, हेल्दी डाइट फॉलो करना और शरीर को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी होता है।
यीस्ट इंफेक्शन
यीस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए हाइजीन का ध्यान रखना, एंटी-फंगल क्रीम का उपयोग करना और समय पर डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है, ताकि समस्या और न बढ़े।
वजाइना को साफ रखना
यूरिनेट करने के बाद वजाइना को साफ और सूखा रखना चाहिए। गीला रहने से बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे वजाइनल इंफेक्शन और खुजली की समस्या हो सकती है।
सूती कपड़े पहनें
टाइट कपड़े और सिंथेटिक अंडरवियर पहनने से वजाइना में पसीना ज्यादा हो सकता है, जिससे बैक्टीरियल इंफेक्शन और खुजली की समस्या हो सकती है। इसलिए, सूती कपड़ों का ही चुनाव करना चाहिए।
अगर वजाइना में लगातार खुजली, जलन या पीलिंग की समस्या बनी रहे, तो इसे नजरअंदाज करने के बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com