मणिपाल अस्पताल ओल्ड एयरपोर्ट रोड सलाहकार-प्रसूति एवं स्त्री रोग डॉक्टर हेमानंदिनी जयरामन से जानते हैं पीसीओएस और पीसीओडी के बीच क्या अंतर है?
पीसीओएस क्या होता है?
इसमें मेटाबॉलिक और हॉर्मोनल असंतुलन होता है। ऐसे में महिलाओं में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन रिलीज होता है, जो ओव्यूलेशन में अनियमितता की वजह बनता है।
पीरियड्स में देरी
जिन महिलाओं को लंबे समय तक पीरियड्स न होते हों उन्हें पीसीओएस होने का जोखिम ज्यादा रहता है। यह दिक्कत मेनोपॉज तक रहती है।
अनुवांशिक
पीसीओएस अनुवांशिक भी हो सकता है। यह पीसीओडी की अपेक्षा ज्यादा गंभीर हो सकता है। इसमें वजन बढ़ता है।
पीसीओडी क्या है?
इसमें महिलाओं की ओवरी का आकार बढ़ जाता है। यह पुरुष हार्मोन के बढ़ने से होता है।
पीसीओडी और पीसीओएस के लक्षण
<li>अनियमित पीरियड्स</li> <li>एक्ने </li> <li>मुहांसे</li> <li>वजन बढ़ना</li> <li>बाल झड़ना</li>
मेटाबॉलिक डिसऑर्डर
पीसीओएस मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है। इसे ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करें। इसके साथ ही दवाइयों का सेवन भी जरूरी है।
कंसीव करने में दिक्कत
पीसीओडी में कंसीव करने में दिक्कत नहीं होती वहीं पीसीओएस में कंसीव करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मिसकैरेज का जोखिम भी रहता है।
डायबिटीज
पीसीओएस में प्रेग्नेंसी के दौरान डायबिटीज होने का जोखिम रहता है।
बचाव
<li>तनाव से दूरी।</li> <li>वजन नियंत्रित करें।</li> <li>खानपान का ध्यान दें।</li> <li>योग या व्यायाम करें।</li> <li>खुश रहने की कोशिश करें।</li>
पीसीओएस और पीसीओडी के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करें। सेहत से जुड़ी जानकारियों के लिए पढ़ते रहें Onlymyhelth.com