दिनभर बैठना अब जिंदगी का हिस्सा बन गया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि आपकी कुर्सी आपकी सेहत को कैसे प्रभावित करती है? आइए PubMed की स्टडी से जानते हैं सेहत के लिए गद्देदार या लकड़ी वाली कुर्सी सही है।
रीढ़ की सेहत पर असर
गद्देदार कुर्सियां रीढ़ की सही शेप बनाए रखने में मदद करती हैं। जबकि सीधी और सख्त लकड़ी की कुर्सी से कई बार पीठ पर जोर पड़ता है।
आराम vs मजबूती
गद्दे वाली कुर्सी पर लंबे समय तक बैठना आसान लगता है। लकड़ी की कुर्सी शुरू में सीधी लग सकती है, लेकिन देर तक बैठने पर दर्द हो सकता है।
ब्लड सर्कुलेशन पर प्रभाव
लकड़ी की कुर्सी पर कुशन न होने से दबाव जांघों में ज्यादा पड़ता है, जिससे ब्लड फ्लो धीमा हो सकता है। गद्देदार सीट्स इस दबाव को कम करती हैं।
लंबी बैठकों में असर
जिन कामों में 1 घंटे से ज्यादा बैठना होता है, वहां सही कुर्सी न हो तो थकान जल्दी आती है। गद्देदार कुर्सी से बॉडी को सहारा मिलता है।
मूवमेंट की आजादी
लकड़ी की कुर्सी अक्सर मूवमेंट को सीमित करती है। जबकि अच्छी गद्देदार कुर्सियां थोड़ी फ्लेक्सिबल होती हैं, जिससे आप टेढ़े-मेढ़े नहीं बैठते।
दर्द और थकान का जोखिम
रिसर्च बताती है कि कुशन वाली कुर्सियों पर लोगों ने कम थकान और दर्द महसूस किया। लकड़ी की कुर्सी पर यह खतरा बढ़ सकता है।
हर शरीर की जरूरत अलग होती है
किसी को सीधी लकड़ी की कुर्सी से फोकस बढ़ता है, तो किसी को गद्देदार कुर्सी से आराम। सही कुर्सी वही है जो आपकी बॉडी को सपोर्ट दे।
अगर आपको लंबे समय तक बैठना है, तो एक अच्छी गद्देदार कुर्सी बेहतर होगी, जो कमर, गर्दन और टांगों को सहारा दे। लेकिन छोटी बैठकों या डाइनिंग के लिए लकड़ी की कुर्सी भी ठीक है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com