ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस एक ऐसा खतरा है जो शरीर के भीतर चुपचाप बढ़ता है। बहुत से लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन इसके संकेत समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। आइए PubMed की रिपोर्ट से जानें इसके लक्षण।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस क्या होता है?
हमारे शरीर में ऑक्सीजन का इस्तेमाल करते हुए फ्री रेडिकल्स बनते हैं। जब ये फ्री रेडिकल्स ज्यादा हो जाते हैं और उन्हें रोकने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट कम पड़ जाते हैं, तब शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस शुरू हो जाता है।
हर समय थकान महसूस होना
अगर आपको बिना किसी भारी काम के ही हर वक्त थकान महसूस होती है, तो यह एक संकेत हो सकता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया को बिगाड़ देता है।
बार-बार बीमार पड़ना
इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। छोटे-छोटे इंफेक्शन भी जल्दी पकड़ में आने लगते हैं और शरीर पहले से ज्यादा संवेदनशील हो जाता है।
समय से पहले बूढ़ा दिखना
चेहरे की चमक कम हो जाती है। झुर्रियां, दाग-धब्बे और रूखी त्वचा जैसे बदलाव जल्दी दिखने लगते हैं, जो उम्र से पहले ही नजर आने लगते हैं।
नींद और तनाव में गड़बड़ी
दिमाग भी इससे अछूता नहीं रहता। अनिद्रा, बेचैनी और लगातार तनाव जैसे लक्षण भी इसकी वजह से हो सकते हैं। यह मानसिक संतुलन को प्रभावित करता है।
याददाश्त में कमी आना
ध्यान भटकने लगता है और छोटी-छोटी बातें भूलने लगते हैं। जब दिमाग के सेल्स ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का शिकार होते हैं, तब सोचने-समझने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
क्या किया जा सकता है?
रंग-बिरंगे फल और सब्जियां खाने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद और तनाव से दूरी बनाकर इस खतरे को काफी हद तक रोका जा सकता है।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का असर धीरे-धीरे दिखता है, लेकिन इसके संकेत साफ होते हैं। अगर आप खुद का ध्यान रखें और समय पर बदलाव करें, तो आप लंबे समय तक स्वस्थ रह सकते हैं।