भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल के कारण लोगों को मेटाबॉलिज्म के स्लो होने की समस्या होने लगती है। जिसके कारण कुछ बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है। ऐसे में आइए एक्सपर्ट से जानें मेटाबॉलिज्म स्लो क्यों होता है?
एक्सपर्ट की राय
न्यूट्रिशनिस्ट दीपशिखा जैन के अनुसार, 'कुछ खराब आदतों के कारण लोगों को मेटाबॉलिज्म के स्लो होने और इसके कार्यों में रुकावट होने की समस्या होने लगती है। इन आदतों को आज ही छोड़ें।'
कम कैलोरीज खाने
कम कैलोरीज खाने से शरीर फैट को बर्न करने की स्पीड को धीमा कर देता है, जिसके कारण लोगों को स्लो मेटाबॉलिज्म की समस्या होने लगती है।
आलस में रहने
आलस में रहने और इनएक्टिव रहने के कारण शरीर के कैलोरीज को बर्न करने की क्षमता कम हो जाती है। जिसके कारण लोगों को वजन बढ़ने और मेटाबॉलिज्म के स्लो होने की समस्या हो सकती है।
प्रोटीन युक्त फूड न खाने
प्रोटीन युक्त डाइट न लेने के कारण लोगों को मेटाबॉलिज्म के स्लो होने की समस्या होती है। प्रोटीन में थर्मोजेनिक प्रभाव होता है। इससे 20-30 प्रतिशत अधिक फैट को बर्न करने में मदद मिलती है। ऐसे में पर्याप्त प्रोटीन युक्त डाइट लें।
पर्याप्त नींद न लेना
पर्याप्त नींद न लेने के कारण शरीर का मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है। जिसके कारण मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज जैसी अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
पर्याप्त पानी न पीना
शरीर में पानी की कमी होने और पर्याप्त पानी न पीने के कारण लोगों को मेटाबॉलिज्म के स्लो होने की समस्या होती है और कैलोरीज बर्न नहीं हो पाती हैं।
स्ट्रेस के कारण
अक्सर अधिक स्ट्रेस में रहने और अधिक सोचने के कारण भी लोगों को मेटाबॉलिज्म के स्लो होने, पाचन पर असर होने और भूख कम होने की समस्या हो सकती है। ऐसे में ज्यादा न सोचें।
लेख में बताई गई गलतियों के कारण लोगों को मेटाबॉलिज्म के स्लो होने की समस्या होती है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com