आंखों से जुड़ी कई बातें लोग बिना पुष्टि के मान लेते हैं, जो आगे चलकर नुकसानदायक हो सकती हैं। आइए, इस लेख में आंखों की देखभाल से जुड़े आम मिथकों के बारे में जानते हैं।
एक्सपर्ट की राय
आज इस लेख में हम दिल्ली के एक्सेल आई क्लिनिक की आई स्पेशलिस्ट और सर्जन डॉ. अनीशा सेठ गुप्ता से जानते हैं आंखों के स्वास्थ्य से जुड़े मिथक और सच्चाई क्या है?
आंखों को हेल्दी रखना
आंखों को हेल्दी रखने के लिए लोग कई घरेलू नुस्खे अपनाते हैं। लेकिन, हर तरीका सही नहीं होता। खासकर, बार-बार पानी से आंखें धोना सूखापन और एलर्जी बढ़ा सकता है।
ठंडे पानी से आंखें धोना
दिन में एक बार साफ और ठंडे पानी से आंखें धोना ठीक है। लेकिन, बार-बार ऐसा करना आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है और इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ा सकता है।
चश्मा लगाना
बहुत से लोग सोचते हैं कि चश्मा लगाने से आंखें उसकी आदती हो जाती हैं। लेकिन, चश्मा सिर्फ नजर को साफ करता है, आदत जैसी कोई बात नहीं होती।
कॉन्टैक्ट लेंस पहनना
कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सोना आपकी आंखों के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। इससे आंखों में इंफेक्शन हो सकता है या फिर नजर पर स्थायी असर पड़ सकता है।
आई ड्रॉप का इस्तेमाल
कुछ लोग मानते हैं कि आई ड्रॉप से मोतियाबिंद ठीक हो सकता है। लेकिन, यह पूरी तरह गलत है। मोतियाबिंद का इलाज सिर्फ सर्जरी से ही संभव होता है।
मोतियाबिंद
आजकल लोग कहते हैं कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन तभी कराओ जब वह पूरी तरह पक जाए। लेकिन, असल में इसे शुरुआती स्टेज में सर्जरी करके बेहतर नतीजे पाए जा सकते हैं।
आई टेस्ट जरूर कराएं
आंखों की सेहत बनाए रखने के लिए हेल्दी डाइट लें, स्क्रीन टाइम कम करें और साल में एक बार आई टेस्ट जरूर कराएं ताकि कोई गंभीर दिक्कत न हो।
आंखों की देखभाल के लिए आई स्पेशलिस्ट से सलाह जरूर लें ताकि कोई नुकसान न हो। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com