एंग्जायटी यानी चिंता आजकल हर उम्र के लोगों में आम हो गई है। इस दौरान तेज धड़कन, घबराहट और बेचैनी जैसे लक्षण दिखते हैं।
एंग्जायटी से बचने के उपाय
जब मन बहुत बेचैन हो और दिल की धड़कन तेज लगे, तो सबसे पहले गहरी सांस लेना शुरू करें। धीमी और गहरी सांसें दिमाग को शांति का संकेत देती हैं।
एंग्जायटी से कैसे बचें?
एंग्जायटी अक्सर उन बातों से होती है जो हमारे कंट्रोल में नहीं होतीं। इसलिए, जरूरी है कि हम सिर्फ उन्हीं चीजों पर ध्यान दें जिन्हें हम बदल सकते हैं या समझ सकते हैं।
ध्यान करें
हर रोज थोड़ा समय खुद के लिए निकालो, चाहे दस मिनट का ध्यान हो या बस चुपचाप बैठकर अपने मन की बातें सुनना हो। ये आदत एंग्जायटी को काफी हद तक कम कर सकती है।
अपनी फीलिंग्स शेयर करें
अपने मन की बात किसी अपने के साथ शेयर करें। जब हम अपनी फीलिंग्स बोलकर बाहर निकालते हैं, तो वो मन में जमा होकर डर या चिंता का रूप नहीं लेतीं।
हैप्पी हार्मोन रिलीज होना
रोजाना थोड़ा बहुत एक्सरसाइज या वॉक करना शुरू करें। जब शरीर एक्टिव होता है तो दिमाग में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं, जो चिंता और तनाव को कम करते हैं।
नींद पूरी लें
नींद पूरी करना बेहद ज़रूरी है। जब नींद अधूरी होती है तो दिमाग थका हुआ रहता है और छोटी-छोटी बातें भी बड़ी चिंता का कारण बन जाती हैं।
काउंसलर या थेरेपिस्ट से बात करें
अगर एंग्जायटी बार-बार हो रही है और रोज़मर्रा की ज़िंदगी को प्रभावित कर रही है, तो किसी काउंसलर या थेरेपिस्ट से बात करना एक समझदारी भरा कदम हो सकता है।
सोशल मीडिया से थोड़ा ब्रेक लेना भी फायदेमंद होता है। वहां की दिखावे वाली जिंदगी असल जिंदगी से हमें नाखुश कर सकती है। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com