फोलेट एक जरूरी बी-विटामिन है जो डीएनए बनाने, लाल रक्त कोशिकाएं उत्पन्न करने और गर्भावस्था में भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक होता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए तो कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए डॉ. सुगीता मुटेरजा से जानते हैं फोलेट की कमी के लक्षण।
फोलेट की कमी के कारण
शरीर में फोलेट की कमी से एनीमिया, ओरल हेल्थ और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं। यह थकान, कमजोरी और चिड़चिड़ापन जैसे लक्षण उत्पन्न करती है।
एनीमिया और फोलेट
फोलेट की कमी से शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं सही से नहीं बनतीं, जिससे ऑक्सीजन की कमी होती है और एनीमिया के लक्षण जैसे थकावट और पीली त्वचा दिखते हैं।
एनीमिया के लक्षण
त्वचा पीली पड़ना, सांस लेने में तकलीफ, बार-बार चक्कर आना और लगातार थकावट - ये सभी एनीमिया के सामान्य संकेत हैं जो फोलेट की कमी से होते हैं।
ओरल हेल्थ पर असर
फोलेट की कमी मसूड़ों की बीमारियों का कारण बन सकती है। मुंह में छाले, लाल जीभ, बदबूदार सांस और मसूड़ों से खून आना इसके संकेत हो सकते हैं।
न्यूरोलॉजिकल समस्याएं
फोलेट की कमी से दिमागी कार्यों में बाधा आती है। याददाश्त कम होना, बेचैनी, भ्रम, डिप्रेशन और ध्यान लगाने में कठिनाई जैसे लक्षण हो सकते हैं।
अन्य लक्षण
वजन घटना, मांसपेशियों की कमजोरी, भूख में कमी और डायरिया भी फोलेट की कमी के संकेत हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज करना नुकसानदायक हो सकता है।
कब करवाएं टेस्ट?
अगर थकान, चक्कर या ऊपर बताए लक्षण लगातार बने रहें, तो डॉक्टर से संपर्क करें और फोलेट लेवल की जांच कराएं। सही समय पर पता लगाना बेहद जरूरी है।
हरी सब्जियां, फल, नट्स, दालें, अंडे, दूध और समुद्री भोजन फोलेट से भरपूर होते हैं। इनका सेवन बढ़ाएं और ज़रूरत हो तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com