असली और नकली केले में ऐसे करें फर्क

By Aditya Bharat
10 Jan 2025, 11:30 IST

केले का उपयोग तो लगभग देश के हर घर में होता है। कुछ इसे व्रत-त्योहारों में इस्तेमाल करते हैं तो वहीं कुछ इसे जिम जाने से पहले खाते हैं। लेकिन हम पहचान नहीं पाते कि जो केले हम खा रहे हैं वो असली हैं या केमिकल द्वारा पकाए गए हैं। तो आइए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के शोध से जानते हैं कि कैसे पहचाने नकली केलों को।

केले में कार्बाइड के खतरे

केले को पकाने के लिए अक्सर कार्बाइड केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं।

रंग से पहचानें

केले का रंग ही यह बता सकता है कि यह कार्बाइड से पकाया गया है या नहीं। अगर केले का छिलका चिकना और हल्का पीला है, तो यह कार्बाइड से पकाया गया हो सकता है।

नैचुरल केले की पहचान

नैचुरल तरीके से पकाए गए केले का रंग गाढ़ा पीला होता है और उस पर काले धब्बे नजर आते हैं।

केले की बनावट पर ध्यान दें

अगर केला ठोस और आंखों को आकर्षित करने वाला हो, तो यह कार्बाइड से पकाया गया हो सकता है। प्राकृतिक केला थोड़ा डल दिखता है।

पानी में जांच करें

केले को पानी में डालकर चेक करें। अगर केला पानी में डूब जाता है, तो वह नैचुरल है। अगर केला तैरता है, तो यह कार्बाइड से पकाया गया है।

असमान पकने वाले केले

अगर केला कहीं से कच्चा और कहीं से ज्यादा पका हुआ दिखाई दे, तो समझ जाएं कि यह केमिकल से पकाया गया है। प्राकृतिक केले चारों तरफ से समान रूप से पके होते हैं।

छूकर पहचानें

केला अगर बाहर से पका हुआ दिखे, लेकिन छूने पर सख्त महसूस हो, तो वह कार्बाइड से पकाया गया होगा। प्राकृतिक केले को छूने पर मुलायम महसूस होता है।

अब आप आसानी से पहचान सकते हैं कि कौन सा केला प्राकृतिक है और कौन सा केमिकल से पकाया गया। इस जानकारी का इस्तेमाल कर आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सकते हैं। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com