Cell Metabolism Journal (2014) की स्टडी के अनुसार, 10-12 घंटे उपवास के बाद शरीर फैट बर्न करना शुरू करता है। उपवास का सही समय आपके मेटाबॉलिज्म को तेज कर सकता है।
फैट बर्न कब शुरू होता है?
जब शरीर को 10-12 घंटे तक भोजन नहीं मिलता, तो यह स्टोर्ड ग्लूकोज खत्म करने लगता है। इसके बाद शरीर एनर्जी के लिए फैट को ब्रेकडाउन करके इस्तेमाल करना शुरू करता है।
12 घंटे का उपवास
12 घंटे तक उपवास करने पर शरीर धीरे-धीरे फैट को बर्न करने लगता है। हालांकि, इस समय फैट बर्निंग की गति धीमी होती है और मेटाबॉलिज्म पर बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ता।
14-16 घंटे का उपवास
इस अवधि में इंसुलिन का स्तर कम हो जाता है, जिससे शरीर स्टोर्ड फैट को एनर्जी में बदलने लगता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वालों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।
18-24 घंटे का उपवास
18-24 घंटे तक उपवास करने से शरीर कीटोसिस में आ सकता है। इस प्रक्रिया में शरीर मुख्य रूप से फैट को ईंधन के रूप में उपयोग करता है और फैट बर्निंग तेज हो जाती है।
36 घंटे से ज्यादा उपवास
36 घंटे या इससे अधिक उपवास करने से फैट बर्न तो होता है, लेकिन कमजोरी और पोषण की कमी हो सकती है। इसे बिना एक्सपर्ट की सलाह के फॉलो करना सही नहीं है।
उपवास में फैट बर्न तेज कैसे करें?
हाइड्रेटेड रहें, हल्की एक्सरसाइज करें और उपवास के बाद हेल्दी फूड खाएं। अच्छी नींद लें और स्ट्रेस से बचें, ताकि मेटाबॉलिज्म बेहतर तरीके से काम करे।
किन लोगों को सावधानी रखनी चाहिए?
आपको बता दें कि डायबिटीज, लो ब्लड प्रेशर या गर्भवती महिलाओं को लंबे उपवास से बचना चाहिए। किसी भी हेल्थ कंडीशन में उपवास शुरू करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
12-16 घंटे का उपवास हल्का असर दिखाता है, जबकि 18-24 घंटे का उपवास अधिक प्रभावी होता है। सही रिजल्ट पाने के लिए इसे अपनी लाइफस्टाइल के अनुसार अपनाएं। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com