Cinderella Syndrome साइकोलॉजिकल पैटर्न है जिसमें महिलाएं अपने ‘प्रिंस चार्मिंग’ का इंतजार करती हैं। 1981 में Colette Dowling ने इसे पहली बार
बचपन से डाली गई उम्मीदें
कई लड़कियों को बचपन से सिखाया जाता है कि शादी ही उनकी मंजिल है। यही सोच बाद में Cinderella Syndrome का कारण बनती है।
सेल्फ डिपेंडेंट नहीं रहना चाहतीं
ऐसी महिलाएं आत्मनिर्भर होने की बजाय किसी मर्द पर निर्भर रहना चाहती हैं, ताकि वह उन्हें हर मुश्किल से बचा ले।
हर रिश्ते में ‘हीरो’ की तलाश
वो हर रिश्ते में एक रक्षक ढूंढती हैं जो उनकी जिंदगी को बेहतर बना दे। अगर ऐसा न मिले, तो वो दुखी हो जाती हैं।
फैसले लेने में हिचकिचाहट
Cinderella Syndrome वाली महिलाएं खुद निर्णय लेने से डरती हैं। उन्हें लगता है कि कोई और ही बेहतर तरीके से उन्हें गाइड कर सकता है।
भावनात्मक निर्भरता ज्यादा होती है
इस सिंड्रोम से ग्रस्त महिलाएं पार्टनर पर ज्यादा इमोशनली डिपेंडेंट होती हैं। उन्हें अकेले रहना या खुद से खुश रहना मुश्किल लगता है।
क्या आपकी गर्लफ्रेंड में ये लक्षण हैं?
अगर वो हर बात में आपकी मंजूरी चाहती है, खुद से निर्णय नहीं लेती और जरूरत से ज्यादा इमोशनल है, तो सतर्क हो जाइए।
रिश्ते पर इसका असर
ऐसे रिश्तों में बैलेंस बिगड़ जाता है। एक पार्टनर ज्यादा बोझ महसूस करता है और दूसरा खुद की पहचान खोने लगता है।
क्या इसका हल है? बिलकुल, काउंसलिंग, मोटिवेशनल थैरेपी और सेल्फ वर्थ पर काम करने से इससे बाहर निकला जा सकता है। पार्टनर का सपोर्ट भी बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com