चॉपिंग बोर्ड रसोई में आम हैं, लेकिन इनमें छिपे बैक्टीरिया आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह दिखने में साफ हो सकते हैं, पर असलियत कुछ और है। आइए एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से जानते हैं कितने खतरनाक हो सकते हैं चॉपिंग बोर्ड।
बैक्टीरिया का अड्डा
चॉपिंग बोर्ड पर सल्मोनेला, ई-कोलाई और लिस्टेरिया जैसे खतरनाक बैक्टीरिया पनप सकते हैं। ये पेट दर्द, डायरिया और उल्टी जैसी समस्याएं पैदा करते हैं।
टॉयलेट सीट जितना गंदा
एक स्टडी के अनुसार चॉपिंग बोर्ड, टॉयलेट सीट जितना ही गंदा होता है। इन पर धूल, बैक्टीरिया और खाने के कण जमा होकर इंफेक्शन का कारण बनते हैं।
माइक्रोप्लास्टिक का खतरा
प्लास्टिक बोर्ड से निकलने वाले माइक्रोप्लास्टिक खाने में मिल जाते हैं। ये शरीर में जाकर हॉर्मोनल गड़बड़ी और आंतों की समस्याएं पैदा कर सकते हैं।
लकड़ी भी नहीं सुरक्षित
सोचते हैं लकड़ी का बोर्ड बेहतर है? रिसर्च बताती है कि लकड़ी प्लास्टिक से 4-22 गुना ज्यादा सूक्ष्म कण छोड़ती है। यह भी माइक्रोप्लास्टिक का सोर्स बन सकती है।
क्रॉस-कंटामिनेशन का खतरा
एक ही बोर्ड पर सब्ज़ी और मांस काटने से बैक्टीरिया फैलते हैं। इससे फूड पॉइजनिंग और गंभीर इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, खासकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं में।
साफ-सफाई है जरूरी
चॉपिंग बोर्ड को हर इस्तेमाल के बाद गर्म पानी और साबुन से धोएं। यह बैक्टीरिया को खत्म करता है और इंफेक्शन के खतरे को कम करता है।
धूप में सुखाना न भूलें
बोर्ड को धोने के बाद धूप में सुखाएं। धूप की यूवी किरणें बैक्टीरिया को खत्म करती हैं और बोर्ड को सुरक्षित बनाए रखती हैं।
रसोई में स्वच्छता का पालन जरूरी है। कटिंग के लिए अलग-अलग बोर्ड रखें और उन्हें समय-समय पर बदलें। ये छोटी सावधानियां बड़ी बीमारियों से बचा सकती हैं।सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com