एनिमा एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें रेक्टम यानी मलाशय में पानी, तरल पदार्थ या गैस डाली जाती है। इसका उद्देश्य आंतों के मल और गंदगी को साफ करना होता है।
आयुर्वेद के अनुसार
यह प्रक्रिया मुख्य रूप से मेडिकल परीक्षणों में इस्तेमाल होती है। आयुर्वेद में इसे वात दोष दूर करने के लिए 'बस्ती कर्म' के रूप में किया जाता है।
स्वास्थ्य समस्याएं
जब आंतों में मल रुक जाता है और पेट साफ नहीं होता है, तो शरीर में असंतुलन पैदा होता है। इसकी वजह से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
कब्ज से राहत
एनिमा का प्रयोग एक प्रभावी उपाय माना जाता है। इससे पुराने कब्ज जैसी समस्याओं को भी दूर करने में मदद मिलती है। इसके इस्तेमाल से आंतों की सफाई होती है।
डॉक्टर से सलाह लें
एनिमा लगाने का तरीका काफी सरल है, लेकिन इसे सावधानी से करना जरूरी है। एनिमा बैग या स्यिरिंज लें। डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार साफ पानी (हल्का गुनगुना) लें।
एनिमा लगाने का तरीका
सबसे पहले, आराम से लेटने की स्थिति में आ जाएं। आमतौर पर एक तरफ लेट कर या घुटनों को पेट की तरफ मोड़कर आराम से इस प्रक्रिया को किया जाता है।
आरामदायक स्थान चुनें
आप अपने बाथरूम में या किसी आरामदायक स्थान पर यह प्रक्रिया कर सकते हैं। एनिमा बैग को पानी से भरें। इसे हवा से मुक्त करें ताकि कोई बुलबुला न बने। ट्यूब को रेक्टम में डाले।
इस्तेमाल का तरीका
ट्यूब के सिरे को ल्यूब्रीकेंट से लगा लें, ताकि यह आसानी से रेक्टम में प्रवेश कर सके। फिर धीरे-धीरे ट्यूब को रेक्टम में लगभग 4-5 इंच तक डालें।
ध्यान रखें
बैग को ऊपर उठाकर तरल पदार्थ को धीरे-धीरे रेक्टम में डालने की प्रक्रिया शुरू करें। ध्यान रखें कि तरल को बहुत तेज़ी से न डाला जाए, क्योंकि इससे असुविधा हो सकती है।
थोड़ी देर घूमें
जब तरल पूरी तरह से प्रवेश कर जाए, तो कुछ देर तक रुकें ताकि पानी आंतों में अच्छे से फैल सके। फिर 10 मिनट तक घूमें। बाद में, बाथरूम जाएं और मल को बाहर निकालें।
एनिमा का उपयोग करने से पहले सही दिशा-निर्देशों का पालन करना जरूरी होता है, ताकि इसे सही तरीके से किया जा सके। इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com